जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली के आगे हैवानियत भी छोटी
रतलाम ,13 अप्रैल( इ खबर टुडे )।रतलाम जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली इन दिनों हैवानियत से भी कई बर्बर हो गई है। 2 दिन के भीतर ही अस्पताल की अब तक की 2 सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसने अस्पताल के अर्थ की गरिमा पर सवाल उठा दिया है। अस्पताल विभाग अपनी मर्चुरी में 24 घटे भी शव को सही सलामत नहीं रख सका। परिजन मृतक की मृत्यु से कई ज्यादा शव की दयनीय स्थति देख दु:खी हो उठे । परिजनों को आखरी समय में भी घर के मुखिया का चेहरा तक देखना नसीब नहीं हुआ।
जानकारी के अनुसार अलकापुरी निवासी मृतक विकास पिता रामसेवक साहू 35 वर्षीय करीब 8 माह से केंसर पीड़ित था। जिस का इलाज अहमदाबाद के अस्पताल में चल रहा था। विकास की स्थति में धीरे-धीरे काफी सुधार भी हो रहा था। लेकिन 12 अप्रैल की सुबह जब पत्नी ने चाय के लिए उठाने गई तो विकास उठा नहीं। पत्नी ने आस -पास के पड़ोसियों को बुलाया,जिसके बाद लोगो ने एम्बुलेंस के माध्यम से विकास को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहा डॉ जीवन चौहान ने जांच के बाद विकास को मृत घोषित कर दिया।
विकास के परिजन इंदौर और जबलपुर में रहते है। जिसकी वजह से अंतिम संस्कार अगले दिन करना तय हुआ। कैंसर पीड़ित होने के कारण परिजनों ने जिला अस्पताल की मर्चुरी में शव रखने की बात कही। जिसके बाद कर्मचारियों ने शव को मर्चुरी में रख दिया। लेकिन अगले दिन जब परिजन शव को लेने जिला अस्पताल पहुंचे तो शव की स्थति देख सब दंग रह गये। शव पूरी तरह से फुल गया और सड़ना शुरू हो गया,कारण पूछने पर अस्पताल के कर्मचारी ने रात को लाइट बंद हो गई थी हम क्या करे।
जिसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। लेकिन शासकीय छुट्टी के चलते कोई उच्च अधिकारी मौजूद नहीं था। मृतक के भाई ने मीडिया से रोते हुए कहा कि जिला अस्पताल ने मेरे भाई को दोबारा मार दिया। अन्य परिजनों द्वारा समझाने के बाद वाहन के माध्यम से शव को घर पहुंचा। जिला अस्पताल में 2 दिन के भीतर यह दूसरा मामला पाया गया।