जातीय हिंसा में एक की मौत, सीएम ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
पुणे,02 जनवरी(इ खबरटुडे)। 200 साल पहले अंग्रेजों ने 1 जनवरी के दिन जो लड़ाई जीती थी उसका जश्न पुणे में मनाया गया लेकिन यह जश्न हिंसक हो गया जिसके चलते एक शख्स की मौत हो गई वहीं कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। जानकारी के अनुसार, सोमवार को शहर में कोरेगांव भीमा की लड़ाई की 200वीं सालगिरह मनाई गई।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने राज्य के मुख्यमंत्री से कहा कि, मामले की निष्पक्ष रूप से जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि ऐसी घटना दोबारा ना होने पाए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि कोरेगांव हिंसा मामले में न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा साथ रही युवाओं की मौत पर सीआईडी जांच भी की जाएगी। पीड़ित के परिजनों के लिए 10 लाख मुआवजे भी दिए जाएंगे।
इस लड़ाई में 1 जनवरी 1818 को ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा बाजीराव की सेना को मात दी थी। इस लड़ाई में कुछ संख्या में दलित भी अंग्रेजों की तरफ से लड़े थे। जीत के बाद अंग्रेजों ने कोरेगांव भीमा में यादगार के तौर पर जयस्तंभ बनवाया था। अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए दलित समुदाय के लोग हर साल शहर में जमा होते हैं और इस जयस्तंभ तक मार्च करते हैं।
लेकिन, इस बार यह जश्न हिंसक हो गया और दो समुहों में हुई भिड़ंत के बाद कई गाड़ियों का आग लगा दी गई जबकि एक शख्स की मौत हो गई। इसके अलावा हिंसक भीड़ ने 50 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ की है। इस हिंसा के बाद इलाके में तनाव पसरा हुआ है और भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है।
इस बार 200 साल पूरे होने पर शहर में लाखों लोग एकत्रित हुए थे। यह आयोजन रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) द्वारा करवाया गया था। हिंसा के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पिछले 200 सालों में यह सब होता आ रहा है आज तक कभी हिंसा नहीं हुई। इस बार कार्यक्रम बड़ा था और इसके लिए ज्यादा ध्यान देने की जरूरत थी।