December 24, 2024

जम्मू-कश्मीर में अब नहीं बच सकेंगे आतंकियों के हमदर्द, जांच एजेंसियों के सबसे बड़े ऑपरेशन शुरू

army attack

जम्मू-कश्मीर,30जुलाई (इ खबरटुडे)।जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए देश की तीन प्रमुख जांच एजेंसियों, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग (आईटी) ने एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया है। इन एजेंसियों का मकसद है कि जम्मू-कश्मीर में इस बार आतंकियों का कोई भी हमदर्द बचने न पाए।अगर किसी ने भी, चाहे वह राजनेता हो, अलगाववादी हो, हुर्रियत नेता हो या कोई गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ संचालक), आतंकियों की कथित तौर पर मदद की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। तीनों एजेंसियों ने बड़े स्तर पर छानबीन शुरू कर दी है। इस बार जम्मू-कश्मीर के कई वित्तिय संस्थान भी एजेंसियों के निशाने पर हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, यह बात साबित हो चुकी है। केंद्रीय जांच एजेंसियां, अब उन लोगों तक पहुंच रही हैं, जो किसी न किसी वेश में आतंकियों की मदद कर रहे हैं। पाकिस्तानी उच्चायोग, जम्मू-कश्मीर में अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे अलगाववादी नेता और आतंकी संगठन, एनआईए ने इन तीनों के गठजोड़ पर पहले ही मुहर लगा दी है।

जांच एजेंसियों के मुताबिक, अल-उमर-मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ स्थानीय लोगों के कथित संबंधों का पता लगाया गया है। अलगाववादियों और आतंकी संगठनों के प्रतिनिधियों की बातचीत के ऑडियो-वीडियो टेप बरामद किए गए हैं। 2011 में एनआईए ने जेएंडके बैंक के अधिकारियों से पूछताछ की थी। उस दौरान कथित तौर से ऐसी बातें सामने आई थी कि विदेशों से इस बैंक में गैर-कानूनी तरीके से लेनदेन हुआ है।

जांच एजेंसी ने उस दौरान विदेशों से पैसा मंगाने की सुविधा देने वाली कई दूसरी संस्थाओं को भी निशाने पर लिया था। मौजूदा समय में भी एजेंसियों को कुछ ऐसे सबूत मिल रहे हैं कि जेएंडके के वित्तिय संस्थानों से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर आतंकियों को मदद मिल रही है। पिछले दिनों ईडी ने एक मामले में जेएंडके बैंक के अधिकारियों से पूछताछ की है।

एनआईए और ईडी के अधिकारियों की मानें तो इनसे हुई पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। अब इनके बल पर जांच एजेंसियां प्रदेश की राजनीति में बड़ा दखल रखने वालों पर हाथ डालने की तैयारी कर रही हैं। इस बाबत पर्याप्त सबूत एकत्रित कर लिए गए हैं। एजेंसियों को पता चला है कि जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में अलगाववादी नेताओं, व्यापारियों एवं आतंकियों के कथित हमदर्दों को जमीन अलॉट की गई है। इस मामले की जांच ईडी और आयकर विभाग कर रहा है। प्रदेश के राजस्व विभाग की एक टीम को भी जांच एजेंसियों की मदद के लिए लगाया गया है।

आरोप है कि अल-उमर-मुजाहिदीन के प्रमुख मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ ‘लटरम’ को कथित तौर पर भारी आर्थिक मदद के अलावा जमीन की अलॉटमेंट जैसी कई तरह की सहायता प्रदान की गई हैं। एनआईए के अधिकारियों का कहना है, इस बार प्रदेश में आतंकवादियों के किसी भी हमदर्द को बक्शा नहीं जाएगा। राज्य के कुछ विभागों के अधिकारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों से भी पूछताछ होगी।

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