December 24, 2024

जनहित से जुड़े मसलों पर कोताही बर्दाश्त नहीं- प्रभारी मंत्री

prabharimantri

विभिन्न विभागों के काम-काज की समीक्षा

रतलाम 29 जनवरी (इ खबरटुडे)।  प्रदेश के वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री सरताज सिंह ने कहा है कि आमलोगों के हित से सीधे तौर पर जुड़े मामलों में अधिकारियों को तत्परतापूर्वक कार्यवाही करनी चाहिए। बिजली,सड़क,पानी तथा अन्य महत्वपूर्ण मसलों में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संबंधित अधिकारी के विरूध्द सख्त कार्रवाई होगी।

श्री सिंह आज यहां विभिन्न विभागों के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान महापौर शैलेन्द्र डागा भी उपस्थित थे।श्री सिंह ने बिजली कंपनी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता एस.आर. बमनके से फीडर सेपरेशन कार्य की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने उद्योगों,सिंचाई और घरेलू उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा रही बिजली के संबंध में तथ्यों की बारीकी से पड़ताल की। श्री बमनके ने अवगत कराया कि फीडर सेपरेशन के कुल 202 कार्यों में से 171 पूरे किए जा चुके हैं। प्रभारी मंत्री ने साफ तौर पर सवाल किया कि पूरा जिला कब तक कव्हर हो सकेगा तथा घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और सिंचाई के लिए आठ घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति कब तक मुमकिन होगी। श्री बमनके ने आश्वस्त किया कि फरवरी माह के अंत तक फीडर सेपरेशन का कार्य पूरा हो जाएगा। प्रभारी मंत्री ने जिले में ट्रांसफार्मर्स की संख्या और इनके जल जाने के अनुपात के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने जानना चाहा कि जले ट्रांसफार्मर की जगह नया ट्रांसफार्मर लगाने में कितना समय लिया जाता है। प्रभारी मंत्री ने ओव्हर लोडिंग की समस्या और बिजली बिलों के बकाया की बाबत भी ब्यौरा लिया। अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की। प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि ऐसे क्षेत्रों की भी पहचान की जाए जहां बिजली उपलब्ध नहीं है। श्री सिंह ने मौटे तौर पर फीडर सेपरेशन कार्य की प्रगति को संतोषप्रद माना।

बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री श्री सिंह ने कृषि विभाग के काम-काज की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन करने के लिए की गई व्यवस्थाओं का ब्यौरा भी तलब किया। कलेक्टर श्री राजीव दुबे ने बताया कि इस वर्ष अब तक 22 हजार 604 किसानों का पंजीयन हो चुका है जो अपना गेहूं 25 खरीदी केन्द्रों पर बेच सकेंगे। श्री सिंह ने पर्याप्त बारदानों के इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने खाद की उपलब्धता की स्थिति तथा अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी संबंधित अधिकारी से विस्तार से जानकारी हासिल की और जरूरी निर्देश दिए। प्रभारी मंत्री को अवगत कराया गया कि समर्थन मूल्य पर खरीदी का भुगतान किसानों के खातों में ही जमा किया जाएगा। प्रभारी मंत्री ने जानना चाहा कि जिले में कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए कौन-से कदम उठाए गए हैैं। कृषि विभाग के अधिकारी ने जिले में ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों की भी जानकारी दी। सहायक संचालक कृषि श्री राठौर और सहायक संचालक उद्यानिकी श्री गिरवाल ने अनुसूचित जाति के और सामान्य किसानों को दिए जाने वाले अनुदान का ब्यौरा दिया। प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि किसानों को हर संभव मदद दी जानी चाहिए। उनके लिए राज्य शासन द्वारा मुहैया कराई गई सुविधाएं किसानों तक आवश्यक रूप से पहुंचाना सुनिश्चित करें। श्री सिंह ने प्रमाणित बीजों की उपलब्धता,बीजोपचार,सिंचाई जल स्त्रोतों की संख्या जैसे मसलों पर बारीकी से पड़ताल की।

बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री श्री सिंह ने जिले में कृषि कार्य के लिए उपलब्ध कराई जा रही सिंचाई सुविधाओं की जानकारी भी तलब की।उन्होंने जानना चाहा कि सिंचिंत क्षेत्र के रकबे में इजाफा करने की दृष्टि से कौनसी योजनाओं का कामयाबी से संचालन किया जा रहा है। इस सिलसिले में कार्यपालन यंत्री श्री बघेल ने जानकारी प्रस्तुत की। प्रभारी मंत्री ने पूछा कि कृषि को उन्नत बनाने और उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए कौनसे कार्यक्रम हाथ में लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित अधिकारी का एक विजन होना चाहिए। उत्पादन बढ़ाने के लिए जिले की परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में एक सोच विकसित होनी चाहिए और इसके अनुरूप कदम भी उठाए जाने चाहिए। किसान कल्याण के संबंध में भी श्री सिंह ने जानकारी ली। सहकारी बैंक के आर.एम.मिश्रा ने बताया कि पिछले वर्ष 213 करोड़ रूपए ऋण किसानों को वितरित किया गया था तथा इस वर्ष अब तक शून्य ब्याज पर 349 करोड़ रूपए के ऋण वितरित किए गए हैं। श्री मिश्रा ने बताया कि शून्य ब्याज पर कर्ज लेने वाले किसानों ने पूरी राशि का उपयोग कृषि कार्य में ही किया है।

प्रभारी मंत्री सरताज सिंह ने औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग इकाईयों के लिए आबंटित भूमि पर स्थापित किए गए उद्योगों के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी तलब की। महाप्रबंधक उद्योग पुखराज कोठारी ने बताया कि कुल 260 इकाईयों में से 43 बंद पाई गई जिनका सत्यापन कराया गया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 217उद्योग इकाईयां चलती होना चाहिए किन्तु इस जानकारी पर भरोसा करना कठिन है। महापौर शैलेन्द्र डागा ने भी इस पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि बिना बिजली कनेक्शन के उद्योग इकाईयां कैसे चलाई जा रही हैं। प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि औद्योगिक क्षेत्र में संचालित उद्योग इकाईयों के बारे में विस्तृत जानकारी तैयार कर उन्हें भेजी जाए ताकि जरूरी कदम उठाए जा सकें।

लोक निर्माण विभाग के काम-काज पर चर्चा के दौरान कार्यपालन यंत्री निर्मल श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्ष छ:नई सड़कें स्वीकृत हुई हैैं जिनमें काम शुरू कर दिया गया है। बाजना-बांसवाड़ा के लिए प्रस्तावित सड़क का काम उच्चस्तर से टेण्डर मंजूर होने पर आरंभ किया जाएगा। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री ए.के.संतोषी ने जानकारी दी कि जिले में मुख्यमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत 141सड़कों की मंजूरी प्राप्त हुई है।उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 70,द्वितीय चरण में 53 तथा तीसरे चरण में 18 सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। श्री संतोषी ने जानकारी दी कि प्रथम चरण की 53 सड़कों का काम पूरा कर लिया गया है। दूसरे और तीसरे चरण की सड़कों का निर्माण कार्य एक साथ चल रहा है और वर्ष 2013 के समापन तक उक्त कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के महाप्रबंधक श्री तोमर ने प्राधिकरण द्वारा निर्माणाधीन सड़कों की प्रगति से प्रभारी मंत्री को अवगत कराया।

बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्जुनसिंह डावर,अपर कलेक्टर निर्मल उपाध्याय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह तथा एसडीएम रतलाम ग्रामीण दिनेश चन्द्र सिंघी भी मौजूद थे।

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