चेतन्य काश्यप ने परिणामोत्पादक नीति निर्माण के मूल तत्व इंगित किये
राज्य योजना आयोग की बैठक में
रतलाम,24 अक्टूबर (इ खबरटुडे)।किसी भी योजना के सफल एवं परिणामदायी क्रियान्वयन हेतु योजना से प्राप्त होने वाले आउटपुट व आउटकम स्पष्ट होना आवश्यक है। जिला कलेक्ट्रेट के सभागार में आज आयोजित राज्य योजना आयोग की बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष चेतन्य कुमार काश्यप ने वांछित परिणाम प्राप्त करने हेतु योजना की प्राप्ति में समाहित उक्त दोनो तत्वों को मूल अंग बताया।
उन्होंने कहा कि परिणामदायी प्राप्तियों के लिए योजना का लक्ष्य स्पष्ट होना अनिवार्य है व इसके लिये नीति नियन्ताओं को परम्परागत वर्किग के स्थान पर प्रोफेशनल कार्यशैली अपनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विगत कुछ समय से जिला योजना समितियों द्वारा पारित कतिपय योजनाओं को प्रस्तावानुसार राशि स्वीकृत न हो पाने के कारण आकस्मिक वित्तीय दबाओं का आ जाना बताते हुए कहा कि जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक प्रस्तावित योजनाओं में प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से इंगित करें एवं सुनिश्चित करें कि योजना निर्माण की प्रक्रिया में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता अनिवार्य रूप से हो।
श्री काश्यप ने योजना के आऊटपुट व आऊटकम को अधिक स्पष्ट करते हुए बताया कि शासन की सूरजधारा योजना के माध्यम से विश्लेषण किया जा रहा है कि सोयाबीन का प्रति हेक्टेयर वर्तमान उत्पादन क्या है एवं इसे अधिकतम किस स्तर तक ले जाया जा सकता है। वही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के हर क्षेत्र तक कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाने का नियोजन किया है एवं कृषको को फसल का उचित मूल्य दिलाए जाने के उद्देश्य से प्रारम्भ की गई भावान्तर योजना को पूरे देश में सराहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना लक्ष्यों की प्राप्ति के अंतर को समाप्त करने हेतु योजनाओं को ग्राम पंचायत स्तर से निकाला जाकर विकास का विकेन्द्रीकृत मॉडल अपनाना होगा।
श्री काश्यप ने विलेज ट्रांसफॉर्मेशन के माध्यम से गांवो को समृद्ध बनाने तथा प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2022 तक गरीबों कोआर्थिक रूप से सशक्त बनाए जाने के आव्हान के तहत कहा कि राजनैता सिर्फ दृष्टिकोण दे सकते है परन्तु योजनाओं को कार्यपालिका धरती पर उतारती है। श्रेष्ठ भारत के निर्माण हेतु राजनेता, ब्यूरोक्रेसी तथा भारत की जनता को मिलकर प्रयास करने होगें।
इस अवसर पर राज्य योजना आयोग के मुख्य सलाहकार डॉ राजेन्द्र मिश्रा ने रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिलों की जिला कार्ययोजना वर्ष 2018-19 अंतर्गत संचालित की जा रही विविध योजनाओं की समीक्षा की व प्रस्ताव अनुसार बजट अनुशंसाओं पर विचार एवं आवश्यक प्रावधान किये । इस अवसर पर राज्य योजना आयोग के सलाहकार पी.सी. बारस्कर तथा देवी अहिल्या विश्व विद्यालय, इंदौर के अर्थशास्त्र के प्राध्यापक प्रो.गणेश कावडि़या तथा राज्य योजना आयोग के अर्थशास्त्री डॉ बी.एल. शर्मा ने तीनों जिलों द्वारा योजनाओं के प्रस्तुत आकड़ो की समीक्षा की व आवश्यकतानुसार संशोधनों का प्रावधान किया। रतलाम कलेक्टर श्रीमति तन्वी सुन्द्रियाल, नीमच कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह तथा मंदसौर कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने अपने-अपने जिलों की कार्ययोजना वर्ष 2018-19 का पॉवर पाइन्ट प्रजेन्टेशन के द्वारा प्रस्तुतिकरण किया।
रतलाम कलेक्टर श्रीमति तन्वी सुन्द्रियाल ने डी.डी.आर.सी., आर.बी.एस.के. , डी.ई.आई.सी., सिविल हास्पिटल के तहत प्रावधानित योजनाओं की विस्तार से योजना आयोग के विशेषज्ञों के समक्ष जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिलें में आदर्श तथा आकर्षक एवं लर्निग ऑरियंटेड आंगनवाड़ी तैयार किये जाने हेतु कार्य किया जा रहा है जहां वर्कर्स की ट्रेनिंग सहित इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जाने का कार्य किया जाएगा।
नीमच कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने उनके जिले में चलाए जा रहें उत्तम स्कूल योजना, बलराम योजना, आदि विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मंदसौर कलेक्टर ने जिले में कन्या विद्यार्थियों हेतु हॉस्टल खोले जाने की अनुशंसा की जहां 200 से 300 लड़किया प्रवास कर अध्ययन कर सकें उन्होंने सूरज धारा स्कीम के तहत जिले में किये जा रहें कार्यो पर विस्तृत प्रकाश डाला।
बैठक के दौरान संभागायुक्त उज्जैन के प्रतिनिधि संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर ,एवं डी.आई.जी. धर्मेन्द्र चौधरी, जिला पंचायत रतलाम के सीईओ सोमेश मिश्रा, जिला पंचायत मंदसौर के सीईओ कमलेश भार्गव, जिला पंचायत नीमच के सीईओ पंकज जैन, एस.पी. रतलाम अमित सिंह, एस.पी. नीमच तुषार कान्त विद्यार्थी, एस.पी. मंदसौर मनोज कुमार शर्मा तथा जिले के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं अधिकारीगण मौजूद थे।