November 26, 2024

गुटबाजी की छाया में हो रहा है मुख्यमंत्री का दौरा

विधायक गुट द्वारा वरिष्ठ नेता को अलग थलग दिखाने की कोशिश

रतलाम,18 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। वैसे तो मुख्यमंत्री का नगर आगमन अक्सर शहर के लिए सौगातें लेकर आता है और इस बार भी शहर को कई सौगातें मिलने वाली है। लेकिन सत्तारुढ पार्टी के नेताओं को इन सौगातों की बजाय अपनी झांकी जमाने की ज्यादा चिन्ता है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के दौरे पर गुटबाजी की छाया साफ नजर आ रही है। पार्टी द्वारा जारी किए गए विज्ञापन पर गुटबाजी की यह छाया साफ देखी जा सकती है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का रतलाम दौरा तीन बार निरस्त हो चुका है। दौरा निरस्त होने पर अक्सर गुटबाजी को ही इसका कारण माना जाता रहा है। नगर विधायक गुट को जोर का झटका तब लगा था जब मुख्यमंत्री का १८ अक्टूबर का दौरा निरस्त हो गया था। इसके बाद जब दौरे की नई तारीख १९ अक्टूबर की आ गई तो इस गुट ने इसे अपनी जीत और बडी उपलब्धि बताना शुरु कर दिया। आमतौर पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों  और उसमें फेरबदल की अधिकृत घोषणा जिला प्रशासन द्वारा ही की जाती है। लेकिन किसी भी तरह अपना नाम चलाने की आदत से मजबूर शहर विधायक ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों के लिए भी पाआरओ को परे रख खुद ही प्रेस रीलीज जारी किए। इस तरह उन्होने यह दर्शाने की कोशिश की कि मुख्यमंत्री सीधे विधायक जी से ही चर्चा कर रहे है।
इसके बाद बारी आई विज्ञापनों की। भाजपा की जिला इकाइ द्वारा अखबारों को जारी विज्ञापन में मुख्यमंत्री के बाद शहर विधायक का बडा सा चित्र लगाया गया है। इस विज्ञापन में उपर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नन्दकुमार सिंह चौहान और सांसद दिलीपसिंह भूरिया का फोटो है। नीचे की ओर भाजपा के पदाधिकारियों के चित्र है। लेकिन केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी का इस विज्ञापन में न तो फोटो है और ना ही नाम तक शामिल किया गया है। भाजपा के अधिकृत विज्ञापन को देखकर लगता है,जैसे हिम्मत कोठारी भाजपा में है ही नहीं।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी द्वारा जारी इन विज्ञापनों का भुगतान चूंकि उद्योगपति शहर विधायक की ओर से किया जाना है,इसलिए पार्टी को उनकी शर्तें मानना भी जरुरी है। शहर विधायक खुले तौर पर यह दर्शाना चाहते है कि मुख्यमंत्री के खास तो वे हीं है उनसे ज्यादा कोई खास नहीं। इतना ही नहीं वे यह भी दिखाना चाहते है कि मुख्यमंत्री का दौरा उन्ही के द्वारा आयोजित किया गया है और इसमें किसी दूसरे नेता का कोई दखल नहीं है।
अब देखने वाली बात ये होगी कि जब १९ अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शहर में होंगे तो क्या वरिष्ठ नेता उनके मंच पर होंगे या नहीं? क्या वे केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी को महत्व देंगे या नहीं।

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