November 14, 2024

गुजरात-हिमाचल का ताज किसके सिर सजेगा, आज हो सकता है ऐलान

नई दिल्ली,22 दिसम्बर (इ खबरटुडे)।भारतीय जनता पार्टी के खेमे में गुजरात और हिमाचल के मुख्यमंत्री के लिए मंथन जारी है. दोनों राज्यों में शुक्रवार को विधायक दल की बैठक है, जिसके बाद मुख्यमंत्रियों के नाम पर मुहर लग जाएगी. कांटे की टक्कर में बीजेपी गुजरात फतह करने में तो कामयाब रही लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री को लेकर मंथन जारी है. आज गांधीनगर में जीतकर आए बीजेपी के विधायकों की बैठक होगी, जिसमें तय होगा कि किसके सिर ताज सजेगा.

आज की बैठक में बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अरुण जेटली, सरोज पांडे, भूपेंद्र यादव और वी. सतीश भी हिस्सा लेंगे. दोपहर साढ़े तीन बजे गांधीनगर के गुजरात बीजेपी मुख्यालय कमलम में विधायक दल की बैठक होगी. दिल्ली से अहमदाबाद रवानगी से पहले अरुण जेटली गुजरात के नए मुख्यमंत्री को लेकर प्रधानमंत्री से मंथन भी करेंगे.

विजय रूपाणी मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे
गुजरात के मुख्यमंत्री की रेस में फिलहाल मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ-साथ उप मुख्यमंत्री रह चुके नितिन पटेल, मनसुख मांडविया और पुरूषोत्तम रूपाला शामिल हैं. हालांकि इनमें विजय रूपाणी और मनसुख मांडविया की दावेदारी सबसे तगड़ी बताई जा रही है. 45 साल के केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य मनसुख मांडविया लेउआ पटेल समुदाय से आते हैं. बीजेपी नाराज पाटीदारों को पटाने के लिए मनसुख दांव खेल सकती है.वहीं हिमाचल में तस्वीर थोड़ी साफ होती जा रही है. सूत्रों के मुताबिक जयराम ठाकुर को अब धूमल का भी आशीर्वाद मिल गया.
मोदी और शाह के करीबी हैं मनसुख मांडविया
साइकिल पर संसद आने वाले मनसुख मांडविया काफी सादगी वाले नेता माने जाते हैं. पटेलों और किसानों में भी उनकी अच्छी खासी पकड़ है. मांडविया विवादों से कोसों दूर रहने वाले नेता है, उनकी छवि भी अच्छी है और संघ के साथ-साथ मोदी और शाह के भी करीबी बताए जाते हैं. विजय रूपाणी के पक्ष में ये बातें आती है कि बीजेपी ने उन्हें ही चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा और पार्टी मौजूदा हालात में 2019 से पहले गुजरात में चुनाव मैदान में उतरना नहीं चाहती. ऐसे में पार्टी नए विधायकों में से ही मुख्यमंत्री चुनना चाहती है और इस लिहाज से रूपाणी और नितिन पटेल की टीम फिट बैठती है.

25 दिसंबर को हो सकता है शपथ ग्रहण समारोह
सूत्रों के मुताबिक गुजरात के नए मुख्यमंत्री का शपथ-ग्रहण 25 दिसंबर को हो सकता है, क्योंकि इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है. साल 2012 के चुनावों के बाद नरेंद्र मोदी ने चौथी बार 25 दिसंबर को ही शपथ ग्रहण किया था. शपथ ग्रहण समारोह के लिए मुख्य सचिव ने सरदार पटेल स्टेडियम का निरीक्षण भी किया, लेकिन समारोह के लिए महात्मा मंदिर और साबरमती रिवरफ्रंट के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है.

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