गर्भवती महिलाओं की काउंसिलिंग भी नहीं कर सकते क्या – कलेक्टर
टीएल में प्रत्येक सीडीपीओ पॉच आंगनवाडि़यांे की रिपोर्ट रखे
लालीमा अभियान की समीक्षा की
रतलाम ,31 मार्च (इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रषेखर ने लालीमा अभियान की समीक्षा करते हुए कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग सुषमा भदोरिया से पुछा कि क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्तायें गर्भवती महिलाओं की काउंसिलिंग कर उन्हें आयरन की गोलिया भी नहीं खिला सकती जिससे एनीमिक महिलाओं की संख्या में कमी आ सके। उल्लेखनीय हैं कि गत दिनांे सांसद आदर्ष ग्राम योजनान्तर्गत चयनित ग्राम कलालिया में कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बताया गया था कि जिले में पचास प्रतिषत से अधिक महिलाऐं एनीमिक हैं जबकि आज बताया गया कि आकड़ा 70 प्रतिषत तक पहुॅच चुका है।
कलेक्टर ने आंगनवाडि़यांे में मौजूद गर्भवती महिलाआंे की नियमित रूप से काउंसिलिंग कर उन्हें आयरन की गोलियॉ उपलब्ध कराने के साथ ही खिलाना भी सुनिष्चित कराने की हिदायत कार्यक्रम अधिकारी को दी। उन्होने सोमवार को आयोजित होने वाली टीएल बैठक में माह के पहले और तीसरे सोमवार की बैठक में प्रत्येक सीडीपीओ को पॉच -पॉच आंगनवाडि़यांे के संचालन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताआंे और सहायिकाओं द्वारा निभायी जा रही जिम्मेदारियों के निर्वहन संबंधी समुचित रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देष दिये।
कलेक्टर ने लालीमा अभियान में गर्भवती माताओं को आयरन की गोलिया खिला पाने में विभागीय कर्मचारियों की अक्षमता और लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होने कहा हैं कि मूलभुत कर्तव्यों का भलीभांति निर्वहन कर पाने में अक्षम रहने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नौकरी में बनाये रखकर गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा।
कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से जिले में आयरन की गोलियों की उपलब्धता एवं आपूर्ति के संबंध में पड़ताल करते हुए निर्देषित किया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों को समुचित मात्रा में गोलियॉ उपलब्ध करवायी जाये। कलेक्टर ने गर्भवती महिलाओं को एएनएम, आषा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के माध्यम से समुचित काउंसिलिंग कर गोलियॉ खिलवाने के निर्देष दिये। बैठक में सहायक संचालक महिला बाल विकास विभाग अंकिता पण्ड्या, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वर्षा कुरील, षिषु रोग विषेषज्ञ डॉ. प्रमोद झारे एवं विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थित थे।