खुद को भाजपा नेता बताकर की लाखों की धोखाधडी
भजपा नेता आशीष डागा के विरुध्द पुलिस को शिकायत,बिना जमीन के बेच दिया प्लाट
रतलाम,22 जुलाई (इ खबरटुडे)। खुद को भाजपा नेता बताते हुए प्रदेश के बडे नेताओं और मंत्रियों से नजदीकी सम्बन्धों का दावा करने वाले आशीष डागा के खिलाफ धोखाधडी की शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि आशीष डागा ने बडे बडे नेताओं और सरकारी अफसरों से नजदीकी सम्बन्ध होने का दम भरते हुए एक ऐसा प्लाट बेच दिया,जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं था।
शिकायतकर्ता सज्जनमिल रोड निवासी नवीन नेमानी ने पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत अपनी शिकायत में बताया है कि स्वयं को भाजपा नेता बताने वाला आशीष डागा अपने एक साथी गणेश कुमार गुर्जर को लेकर शिकायतकर्ता के पास पंहुचा था। गणेश गुर्जर ने राजगढ रतलाम के सर्वे क्र.95/1में स्थित एक हजार वर्गफीट के एक भूखण्ड को अपनी मालकीयत का बताते हुए विगत 21 जून 2013 को शिकायतकर्ता को विक्रय करने का अनुबन्ध किया। यह विक्रय अनुबन्ध शिकायतकर्ता ने तथाकथित भाजपा नेता आशीष डागा के प्रभाव में आकर और आशीष डागा के कहने पर संपादित किया। अनुबन्ध संपादित करने के समय शिकायतकर्ता ने ढाई लाख रुपए भी गणेश गुर्जर को अदा कर दिए। विक्रय अनुबन्ध कुल आठ लाख रुपए का था। शिकायतकर्ता नवीन नेमानी ने अनुबन्ध के समय दिए गए ढाई लाख रु. के अलावा शेष राशि भी समय समय पर आशीष डागा और गणेश गुर्जर को अदा कर दी।
भूखण्ड की पूरी कीमत अदा करने के बाद जब शिकायतकर्ता नवीन नेमानी अपने भूखण्ड को देखने के लिए मौके पर पंहुचा,तब उसे पता चला कि मौके पर भूखण्ड था ही नहीं। तब शिकायतकर्ता का माथा ठनका। उसे लगा कि आशीष डागा और गणेश गुर्जर ने आपस में षडयंत्र करके उसे ठग लिया है। शिकायत कर्ता ने जब इस सम्बन्ध में आशीष डागा को मोबाइल पर फोन किया तो आशीष डागा ने उससे कहा कि मेरे कैलाश विजयवर्गीय और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान आदि नेताओं से सीधे सम्बन्ध है। पुलिस मेरी जेब में है। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड सकता।
शिकायतकर्ता के अनुसार,आशीष डागा ने उससे कहा कि जमीन देवरा देवनारायण धर्मराज देवरा ट्रस्ट की है और गणेश गुर्जर इस ट्रस्ट का अध्यक्ष है। ट्रस्ट की जमीन विक्रय के सम्बन्ध में एसडीएम के न्यायालय में एक प्रकरण चल रहा है। यह प्रकरण जल्दी ही समाप्त हो जाएगा और इसके बाद वह जमीन की रजिस्ट्री करवा देगा।
इतना ही नहीं आशीष डागा ने यह भी कहा कि वह दिनरात तहसीलदार व एसडीएम के साथ घूमता है। यहां तक कि एसडीएम कोर्ट में चल रहे प्रकरण का फैसला भी वह खुद टाइप करवाएगा और उसी फैसले पर एसडीएम साहब हस्ताक्षर कर देंगे। आशीष डागा ने शिकायतकर्ता को विश्वास दिलाने के लिए एसडीएम कोर्ट का एक फैसला भी शिकायतकर्ता को दिया,जिस पर कोई साइन सील आदि नहीं थे। आशीष डागा का कहना था कि इसी फैसले पर एसडीएम साहब साईन करेंगे और मोहर भी लगाएंगे। उसने कहा कि वह जल्दी ही जमीन की रजिस्ट्री करवा देगा।
शिकायतकर्ता फिर से इस झांसे में आ गया और करीब एक माह तक इंतजार करता रहा।
एक माह गुजर जाने पर शिकायतकर्ता ने आज सुबह आशीष डागा को उसके मोबाइल पर फोन किया तो आशीष डागा ने उससे कहा कि वह भोपाल में हिम्मत कोठारी के साथ व्यस्त था और एक दो दिन में ही वह रजिस्ट्री करवा देगा। शिकायतकर्ता ने इस मोबाइलकाल को रेकार्ड कर लिया। उसने अपनी शिकायत के साथ उक्त रेकार्डिंग की सीडी भी पुलिस अधीक्षक को प्रस्तुत की है।
शिकायतकर्ता नवीन नेमानी ने शपथपत्र के साथ शिकायत प्रस्तुत कर आशीष डागा व गणेश गुर्जर के विरुध्द धोखाधडी का आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उसके आठ लाख रुपए वापस दिलाने की मांग पुलिस से की है।