कांग्रेस को विरोध प्रदर्शन की जगह आत्ममंथन करना चाहिए –सांसद चिंतामणि मालवीय
उज्जैन,05 जनवरी (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ऐतेहासिक और क्रांतिकारी कदम विमुद्रिकरण का कांग्रेस द्वारा कई बार विरोध किया गया है ,जिसके कारण कांग्रेस की देशभर में बार बार फजीहत हुई है । कांग्रेस अलग थलग पड़ गयी है, इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष भी कांग्रेस के साथ नही है क्यूंकि विपक्ष में भी फुट पड़ गयी है । देशभर में जनता ने कांग्रेस की बोलती बंद कर दी है । उनके शहजादे राहुल गांधी जी भूकम्प लाने वाले थे वे खुद कांग्रेस को मझदार में छोड़कर चले गए ।
कुछ दिन पूर्व कांग्रेस ने नोटबन्दी पर भारत बन्द किया था जिसे जनता के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था । नोटबन्दी के बाद हुए हर चुनाव का परिणाम कांग्रेस के खिलाफ गया है । जनता ने कांग्रेस को पूर्णतया नकार दिया है । कांग्रेस जनता के मूढ़ को भांप नही पा रही है । इतनी अधिक दुर्गति होने के बाद भी कांग्रेस को सदबुध्धि नही आई है । अब जबकि देशभर में सब सामान्य हो गया है तब विरोध करना कांग्रेस के पास मुद्दों की कमी को दर्शाता है ।
कांग्रेस का पर्याय ही जनविरोधी पार्टी हो गया है । नोटबन्दी के विरोध से लगता है कांग्रेस आज फिर से आतंकवादियों , नक्सलवादियों ,संगठित अपराधियों ,भष्ट्राचारियों,जाली नोट और कालेधन वालो के साथ खड़ी है। अब कांग्रेस ने नया शगूफा छोड़ा है “जन आक्रोश” नाम से अब जबकि जनता ही इनके साथ नही तो आक्रोश किसका केवल कांग्रेस के नेताओ का क्योकि उनका ब्लेक मनी का बिजनेस ठप्प हो गया है । कांग्रेस “विनाश काले विपरीत बुद्दि” को अक्षरशः चरितार्थ कर रही है । कांग्रेस को विरोध प्रदर्शन की जगह आत्ममंथन करना चाहिए ।”