कश्मीर में 10 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने के तरीके से भड़के कश्मीरी नेता
श्रीनगर,02 मार्च(इ खबरटुडे)। जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जातियों और जनजातियों को पदोन्नति में और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण के खिलाफ कोई भी राजनीतिक दल नहीं है। लेकिन जिस तरीके से केंद्र द्वारा संविधान में प्रावधान कर इस लागू किया है उससे नेता गुस्सा हैं।
नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, माकपा समेत अन्य दल कह रहे हैं कि केंद्र ने जिस तरह यह कदम उठाया है। उससे धारा 370 को नुकसान पहुंचा है। केंद्र का यह कदम असंवैधानिक है क्योंकि राज्यपाल के पास संवैधानिक प्रावधान को लागू करने के लिए केंद्र को सहमति देने का अधिकार नहीं है।
नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस मामले में अदालत जाने का फैसला किया है। दोनों पार्टियां कानून के जानकारों की राय ले रही हैं। शनिवार को इसके विरोध में अलग-अलग रैलियां करने का भी फैसला किया है।
नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस तरह आरक्षण संबंधी लाभ का दावा करते हुए राज्य के संविधान को ठेस पहुंचाई है वह बिल्कुल गलत है। केंद्र के पास इसका कोई अधिकार नहीं था। हम उसके इस कदम को अदालत में चुनौती देंगे। वहीं, पीडीपी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने बताया कि पीडीपी राज्य के विशेष दर्जे की हिफाजत के लिए तैयार है।