December 25, 2024

एमपी आनलाइन केंद्र बनाम फजीहत सेंटर

जिनके नाम लायसेंस उनके स्थान पर अनगढ़ कर रहे काम
न कोई देखने वाला न कोई सुनने वाला, बेरोजगारों की फजीहत

उज्जैन,25 मई (इ खबरटुडे)।  शहर भर में एमपी आनलाइन के केंद्र खोले गये हैं। पैसा जमा करो और आनलाइन केंद्र लो। कतिपय केंद्रों पर लायसेंसी व्यक्ति के अते-पते नहीं है।  सेंटर को दिहाड़ी पर चला दिया गया है। आने वाले उपभोक्ता की इस कारण से फजीहत हो रही है। दिहाड़ी पर काम करने वाले अनगढ़ के कारण बेरोजगारों को घंटों खराब करने पड़ रहे हैं।
आनलाइन कार्य के लिये मप्र आनलाइन सेवा ने अपनी फ्रेंचाईजी तमाम शहरों में दी है। फ्रेंचाईजी केंद्र बड़ी संख्या में रेवड़ी की तरह तमाम शहरों में बांटे गये हैं। कहने को तो फ्रेंचाईजी देने में तमाम नियम की बात सामने रखी गयी। लेकिन इन नियमों का पालन करवाने में न तो एमपी आनलाइन और न ही मप्र सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग ने कोई ध्यान दिया। यहां तक कि स्थानीय प्रशासन भी इससे आंखे मूंदे बैठा है। जिला स्तर पर कम्प्यूटर तकनीक से संबंधित अधिकारी भी पदस्थ हैं। लेकिन नियंत्रण के नाम पर कुछ नहीं होने से फ्रेंचाईजी केंद्र फजीहत केंद्र बनकर रह गये हैं। हालत यह है कि शहर के तमाम केंद्रों में से अधिकांश दिहाड़ी पर चलाये जा रहे हैं या फिर इन केंद्रों पर बच्चों और महिलाओं को आधे अधूरे ज्ञान के साथ बैठा दिया गया है। यह वैसा ही मामला है जिस तरह से मेडिकल स्टोर पर लायसेंस फर्मासिस्ट का टंगा है और दवाई विक्रय अनगढ़ कर रहे हैं। कपितय आनलाइन सेंटरों पर लायसेंस किसी ओेर का टंगा है और महिला और बच्चे आवेदकों के कार्य को आनलाइन अंजाम दे रहे हैं। ऐसे केंद्रों पर आनलाइन आवेदनकर्ता घंटों परेशान होते हैं। दस्तावेजों की पूर्ति के साथ ही व्यापमं और तमाम आनलाइन आवेदन वर्तमान में आनलाइन ही किये जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के फार्म भी आनलाइन ही भरे जा रहे हैं। आवेदन फार्म के साथ ही प्रवेश पत्र भी यहीं से मिलते हैं। आवेदन कर्ता को इन फजीहत केंद्रों पर बेवजह ही दो-दो घंटे इंतजार करना पड़ता है। कम्प्यूटर और आनलाइन कार्य का अधूरा ज्ञान होने के कारण कतिपय केंद्रों पर बैठे महिला बच्चे और दिहाड़ी के कारण बेरोजगार और विद्यार्थी परेशानी में आ जाते हैं। कई बार तो आवेदन किसी ओर का फोटो किसी ओर का लग रहा है। आधी अधूरी जानकारी के साथ ही फार्म सबमिट कर दिये जाते हैं। ऐसे मामलों में विवाद की स्थिति भी बनती है। आवेदन फार्म के निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त पैसे भी वसूले जा रहे हैं। जिस फ्रेंचाईजी केंद्र  से आवेदन किया गया है वहीं से प्रवेश-पत्र निकालने के लिये अलग से पैसा वसूल किया जा रहा है। न तो इन फ्रेंचाईजी केंद्रों पर अलग से जानकारियां प्रदर्शित की जा रही है और न ही बिल या रसीद दी जा रही है। बेरोजगारों के लिये कतिपय ऐसे केंद्र फजीहत केंद्र से कम नहीं हैं।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds