एमओएस में व्यावसायिक निर्माण की शिकायत,मंत्रालय के आदेश भी हवा में उडाए नगर निगम ने
रतलाम,19 जुलाई (इ खबरटुडे)। रतलाम नगर निगम के अफसर देश के तमाम नियम कायदों से उपर है। नगरीय प्रशासन विभाग और मंत्रालय के आदेशों का भी रतलाम नगर निगम पर कोई असर नहीं पड़ता। शहर के व्यस्ततम व्यावसायिक क्षेत्र चांदनीचौक में नियमों के विरुध्द किए गए अवैध व्यावसायिक निर्माण के खिलाफ की गई शिकायत पर प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों को भी नगर निगम ने हवा में उडा दिया।
यह तथ्य बजाजखाना निवासी रमेशचन्द्र जैन द्वारा की गई शिकायत से सामने आया। शिकायतकर्ता रमेशचन्द्र जैन ने अपनी शिकायत में बताया कि शहर के सबसे महंगे व्यावसायिक क्षेत्र चांदनी चौक में भवन क्र.63 पर भूस्वामी अनोखीलाल ने नगर एवं ग्राम निवेश विभाग व नगर निगम की अनुमति के बगैर कई दुकानों वाले एक बडे से व्यावसायिक काम्प्लेक्स छाजेड मार्केट का निर्माण किया है। इतना ही नहीं उक्त भूमिस्वामी ने मिनीमम ओपन स्पेस की जगह में भी दुकान बना डाली। श्री जैन ने इससे पहले भी भूखण्ड क्र.62पर किए गए अवैध निर्माण की शिकायत की थी। व्यस्ततम व्यापारिक क्षेत्र के बडे व्यावसायिक काम्प्लेक्स में पार्किंग नहीं होने और नियम विरुध्द निर्माण होने का असर पूरे मार्ग पर पडने लगा और मार्केट के सामने खडे होने वाले वाहनों के कारण सड़क पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी बढने लगी।
नियम विरुध्द किए गए निर्माण की शिकायतें होने पर पहले तो नगर निगम ने निर्माणकर्ता अनोखीलाल को नंोटिस देकर इस निर्माण को तोडने की तैयारी शुरु कर दी। नियम विरुध्द किए गए निर्माण पर लाल निशान भी लगा दिए गए,लेकिन इसके बाद चले घटनाक्रम ने सबकुछ बदल कर रख दिया।
नगर निगम के अफसरों ने उपरी तौर पर तो यह प्रदर्शन जारी रखा कि वे निर्माण हटाने का प्रयास कर रहे हैं,लेकिन भीतर ही भीतर वे अवैध निर्माणकर्ता को मदद करने लगे।
अवैध निर्माण पर लाल रंग के निशान लगाए जाने को एक साल से अधिक का समय गुजर गया,लेकिन निगम के नाकारा अफसरों ने इसे तोडने की कोई कार्यवाही नहीं की। पहले तो वे न्यायालय के स्थगन का बहाना बनाते रहे,लेकिन बाद में जब स्थगन आदेश निष्प्रभावी हो गया और निगम के ही विधि विभाग ने अवैध निर्माण तोडने में कोई बाधा नहीं होने का प्रमाणपत्र भी जारी हो गया,तो शिकायतकर्ता को उम्मीद थी कि अब अवैध निर्माण तोड दिया जाएगा। लेकिन निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते ऐसी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
निगम के अफसरों को कई बार निवेदन करने के बावजूद भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो शिकायत कर्ता श्री जैन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस बात की शिकायत की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस शिकायत को निराकरण के लिए मध्यप्रदेश शासन के मुख्यसचिव को निर्देशित कर दिया।
मध्यप्रदेश के मुख्यसचिव को जब प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश मिले तो उन्होने फौैरन यह मामला नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त को प्रेषित कर दिया। देश से लेकर प्रदेश के उच्चाधिकारियों तक मामला पंहुचने के बावजूद रतलाम नगर निगम के अफसरों पर इसका कोई असर नहीं पडा। उलटे शिकायतकर्ता श्री जैन को धमकियां दी जाने लगी।
रमेशचन्द्र जैन ने बताया कि पहले तो अनोखीलाल छाजेड ने उन्हे बीस लाख रु. का प्रलोभन दिया और इसे अस्वीकार करने पर अपने भतीजे मनीष छाजेड से मारपीट करवाने की धमकी दी। इसके बाद भी जब श्री जैन नहीं माने तो उन्हे नगर निगम के कुछ अधिकारियों की ओर से धमकियां मिलने लगी। उन्हे कहा गया कि अगर वे शिकायत वापस नहीं लेंगे तो उनके घर को तोड दिया जाएगा।
बहरहाल,शिकायतकर्ता श्री जैन अभी भी अपनी शिकायत पर कायम है। उनका कहना है कि अनोखीलाल छाजेड ने अवैध निर्माण कर शासन को करोडों का चूना लगाया है,साथ ही यातायात की समस्या भी उत्पन्न की है। अगर नगर निगम के अफसर उनकी नहीं सुनेंगे तो वे उच्चाधिकारियों को शिकायतें करना जारी रखेंगे और जरुरत हुई तो न्यायालय का द्वार भी खटखटाएंगे।