एफएटीएफ की पाक को चेतावनी, ब्लैकलिस्ट हुआ पाक तो वैश्विक-आर्थिक हालात पर होगा असर
वॉशिंगटन,22जून (इ खबर टुडे)।आतंक पर ऐक्शन के लिए एफएटीएफ (फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स) ने पाकिस्तान को आखिरी चेतावनी दी है। फ्लॉरिडा में में हुए एफएटीएफ बैठक में पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए अक्टूबर 2019 तक की डेडलाइन तय की गई है। एफएटीएफ की तरफ से इस्लामाबाद के लिए जारी की गई चेतावनी ने पाक को ब्लैकलिस्ट किए जाने की आशंका को बहुत मजबूत कर दिया है।पाकिस्तान के प्रमुख समाचारपत्र डॉन में तुर्की की समाचार एजेंसी के हवाले से प्रकाशित खबर के अनुसार, तुर्की ही एक मात्र देश था जिसने इस्लामाबाद को ब्लैकलिस्ट किए जाने का विरोध किया।
पाक के करीबी मित्र चीन ने बैठक से बनाई दूरी
भारत के द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव को अमेरिका और ब्रिटेन ने भी अपना समर्थन दिया। रिपोर्ट के अनुसार, पाक के साथ लंबे समय से खड़े रहनेवाले चीन ने इस मीटिंग से दूरी ही बरती। भारत एफएटीएफ की एशिया-पैसेफिक जॉइंट ग्रुप का को-चेयर सदस्य है। एफएटीएफ के निर्देशों के अनुसार पाकिस्तान की आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए उठाए कदमों की समीक्षा भारत भी करता है।
पाकिस्तान पर एफएटीएफ की सख्ती की कहानी है पुरानी
पाकिस्तान पिछले एक साल से FATF की ग्रे लिस्ट में है और उसने पिछले साल जून में ऐंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग मेकेनिज्म को मजबूत बनाने के लिए उसके साथ काम करने का वादा किया था। पिछले साल पाक को ग्रे लिस्ट में डालने के फैसले के साथ एफएटीएफ ने बयान जारी कर कहा था कि पाकिस्तान पूरी तरह से आतंक का आर्थिक समर्थन रोकने में नाकाम रहा है। इस आधार पर इसे हाई रिस्क की श्रेणी में रखा जाता है।
एफएटीएफ की कार्रवाई का असर, पाक रह जाएगा अकेला
एफएटीएफ की ओर से जारी की गई यह चेतावनी पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है। अगर एफएटीएफ इस्लामाबाद को ब्लैकलिस्ट करता है तो इसका सीधा असर होगा कि वैश्विक दुनिया में पाक पूरी तरह से अलग-थलग हो जाएगा। इसका असर पाक को आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक से मिलनेवाली सहायता पर भी पड़ सकता है।
पाकिस्तान के सामने अब क्या विकल्प है?
तुर्की की ओर से मिली मदद के बाद इतना स्पष्ट है कि कुछ देशों से पाकिस्तान को मदद मिलती रहेगी। हालांकि, इसके बावजूद भी पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा। पिछले सप्ताह हुई रिव्यू में स्पष्ट किया गया है कि एफएटीएफ की ओर से जारी किए गए 27 में से सिर्फ 25 पॉइंट को पूरा करने में पाक नाकाम रहा।
सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पाकिस्तान को अगर ब्लैकलिस्ट किया जाता है तो यह पाक की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत हानिकारक होगा। इसका असर यह भी होगा कि पहले से ही बुरी तरह से कर्ज में डूबे पाक को दूसरे देशों से कठोर शर्तों पर ऋण लेना होगा।