असर नहीं दिखा पाई कांग्रेस की परिवर्तन रैली
नेताओं के भाषण में झलकी गुटबाजी,दिग्गी का भाषण शुरु होते ही खाली हुआ सभास्थल
रतलाम,23 सितम्बर(इ खबर टुडे)। विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की बहुचर्चित परिवर्तन रैली शहर में कोई खास असर नहीं दिखा पाई। हांलाकि पूरे शहर को बैनर पोस्टर्स और होर्डिंग्स से पाट दिया गया था,लेकिन कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता भीड जुटाने में कामयाब नहीं हो पाए। कार्यकर्ता सम्मेलन में आने वाली संख्या के बडे बडे दावे खोखले साबित हुए। सभास्थल पर पांच से सात हजार लोगों की भीड ही जुट सकी। इनमें भी स्थानीय नागरिकों की संख्या नगण्य ही थी।
कांग्रेस की परिवर्तन रैली के लिए चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया,पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह,केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ,विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया इत्यादि सभी बडे नेता रतलाम पंहुचे थे। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने भी विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन के दावे किए थे। कहा जा रहा था कि सम्मेलन में जिले भर से पच्चीस हजार से अधिक कार्यकर्ता रतलाम पंहुचेंगे। लेकिन ये तमाम दावे खोखले साबित हुए।
बडी संख्या में बसों और जीपों की व्यवस्था किए जाने के बावजूद रतलाम में पांच से सात हजार लोग पंहुचे थे। निर्धारित समय से करीब एक घण्टे की देरी से कालिका माता मंच पर सभा प्रारंभ हुई।
भाषणों में झलकी गुटबाजी
कांग्रेस के तमाम नेता एक मंच पर जरुर मौजूद थे,लेकिन उनके भाषणों में गुटबाजी का असर साफ दिखाई दे रहा था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने भाषण में न तो दिग्विजय सिंह का जिक्र किया और ना ही वरिष्ठ नेता कमलनाथ का। उनके पूरे भाषण में उनके पिता स्व. माधवराव सिंधिया की उपलब्धियों और मनमोहन सोनिया और राहूल गांधी की ही जिक्र था। उन्होने पूरी सतर्कता बरती कि प्रदेश के किसी नेता का नाम उनकी जुबान पर ना आ जाए। इसी तरह दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने भी अपने भाषणों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया की तो प्रशंसा की लेकिन ज्योतिरादित्य का नाम तक नहीं लिया।
दिग्विजय को नकारा लोगों ने
दस साल तक मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का जादू पूरी तरह खत्म हो चुका है। सभा में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के पहले ज्योतिरादित्य का भाषण रखा गया था। ज्योतिरादित्य के भाषण के बाद दिग्विजय सिंह का भाषण होना था। जैसे ही ज्योतिरादित्य का भाषण समाप्त हुआ ,सभा स्थल खाली होने लगा। सभा स्थल पर मौजूद भीड में से तीन चौथाई लोग ज्योतिरादित्य का भाषण सुनते ही निकल पडे। दिग्विजय सिंह का भाषण सुनने के लिए काफी कम लोग रुके।
कांग्रेस की सरकार बनने का भरोसा
सभा के प्रमुख वक्ता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने भाषण में प्रदेश सरकार की विफलताओं पर जमकर प्रहार किए। उन्होने अटल ज्योति योजना पर कटाक्ष करते हुए इसे अटल कटौती योजना बताया। उन्होने दावा किया कि पूरी योजना राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना है,जिसे शिवराज सरकार ने अटल ज्योति बनाकर श्रेय लेने की कोशिश की। ज्योतिरादित्य ने सभा में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं से हाथ उठवा कर संकल्प करवाया कि वे कांग्रेस को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे। दिग्विजय सिंह ने अपने भाषण में अल्पसंख्यक कार्ड खेलने की भी कोशिश की। उन्होने कहा कि पिछले दस सालों में अल्पसंख्यकों पर भारी अत्याचार हुए है। कमलनाथ ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर वे देश भव के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में लाएंगे। सभा को कांतिलाल भूरिया,अजय सिंह आदि अनेक नेताओं ने भी संबोधित किया।