अविश्वास प्रस्ताव : राफेड डील पर रक्षा मंत्री का जबाव, राहुल गांधी के आरोप बेबुनियाद
नई दिल्ली,20जुलाई(इ खबरटुडे)। संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बहस जारी है। इस दौरान प्रस्ताव पर आधे घंटे तक लगातार नरेंद्र मोदी पर प्रहार करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपना भाषण समाप्त होते ही प्रधानमंत्री के समीप पहुंचे और बहुत नाटकीय अंदाज में उनके गले लग गए। बता दें संसद में मोदी सरकार के लिए आज पहली अग्नि परीक्षा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परीक्षा में अच्छे नंबरों के साथ पास होंगे, इस पर किसी को संदेह नहीं है। पार्टी का दावा है कि नंबर उसके पास है और विपक्ष के दावों में कोई दम नहीं है। विपक्ष का इस परीक्षा में फेल होना तय है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अविश्वास प्रस्ताव पर उनकी पार्टी JDU के रुख के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हम सरकार के साथ हैं।
लोकसभा में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का भाषण
राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था राफेल डील की डीटेल्स सबके सामने नहीं लाई जा सकतीं। उन्होंने राहुल के सभी आरोपों का खंडन किया।
अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री शब्द का मतलब होना चाहिए। 15 लाख रुपये के वादे का क्या हुआ। अभी तक सिर्फ 4 लाख लोगों को रोगजार मिला। भाजपा का खोखलापन दिखाई दे रहा है। जहां भी जाते हैं रोजगार की बात करते हैं। कभी कहते हैं पकौड़े बनाओ। कभी कहते हैं दुकान खोलो। 8 बजे रात को काले धन के खिलाफ प्रधानमंत्री जी ने ऐक्शन लिया। शायद समझ नहीं थी कि किसान और मजदूर अपना काम कैश में करते हैं। जीएसटी भाजपा लेकर आई। हम चाहते थे कि एक जीएसटी हो, लेकिन भाजपा पांच अलग-अलग जीएसटी लेकर आई। हम पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी में शामिल करना चाहते थे। जो किसानों के दिल में है, जो गरीबों के दिल में है, वो प्रधानमंत्री तक नहीं पहुंचता। मोदी जी की बात सिर्फ सूट-बूट बाले बिजनसमैन से होती है। राहुल गांधी ने कहा कि राफेल हवाई जहाज का दाम 520 करोड़ रुपये प्रति हवाई जहाज था। प्रधानमंत्री जी फ्रांस गए, जादू से यह दाम 1600 करोड़ रुपये प्रति हवाई जहाज हो गया। फ्रांस के राष्ट्रपति ने मुझे बताया कि दोनों देश के बीच राफेल को लेकर कोई सीक्रेट डील नहीं है। राफेल डील को लेकर रक्षा मंत्री ने देश से झूठ बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुझसे आंखें नहीं मिला पाते। उन्होंने कहा था कि मैं देश का चौकीदार हूं। प्रधानमंत्री जी ने चीन के राष्ट्रपति के साथ गुजरात में झूला झूला था। उसी बीच चीन के सैनिक भारत की सीमा में आ गए। प्रधानमंत्री जी ने हमारे सैनिकों को धोखा दिया। प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ होगा लेकिन किसानों का नहीं। पूरी दुनिया में पेट्रोल के दाम गिर रहे हैं, लेकिन हिंदुस्तान में ऊपर जा रहे है। हिंदुस्तान इतिहास में पहली बार अपनी महिलाओं की रक्षा नहीं कर पा रहा है। महिलाओं पर अत्याचार और सामूहिक दुष्कर्म हो रहे हैं। दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमला हो रहा है। ये बाबा साहब अंबेडकर के संविधान पर हमला है। लेकिन प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है। पीएम मोदी दिल की बात देश को बताएं। प्रधानमंत्री और भाजपा के अध्यक्ष दोनों अलग तरह के पॉलिटिशियन हैं। राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी, भाजपा और आरएसएस से मुझे कोई गिला नहीं है। मैं उनका शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे कांग्रेस का मतलब सिखाया, हिंदुस्तानी होने का मतलब बताया। मुझे धर्म सिखाया, भगवान शिव के बारे में बताया। आप मुझे पप्पू और बहुत गालियां देकर बुला सकते हैं, लेकिन मेरे अंदर आपके लिए नफरत नहीं है। इसके बाद राहुल, पीएम के गले मिले और मोदी ने उनकी पीठ थपथपाई। इस दृष्य को देखकर सदन में बैठे सभी सदस्य दंग रह गए। हालांकि, जब वह गले मिलकर अपनी सीट पर जाने लगे तो प्रधानमंत्री ने उन्हें दोबारा बुलाया और कान में कुछ कहा। इसके बाद दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और फिर राहुल मुस्कराते हुए अपनी सीट की ओर चले गए। राहुल गांधी के बोलने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने रक्षा मंत्रीनिर्मला सीतारमण को सदन में बोलने का मौका दिया। रक्षा मंत्री राफेल डील पर राहुल के सभी आरोपों का खंडन किया।
भाजपा नेता राकेश सिंह का बयान
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में जबलपुर से भाजपा सांसद राकेश सिंह ने कहा कि देश में कई बार अविश्वास आया, लेकिन इस बार ये बिल्कुल अलग है। अभी मैं गल्ला जी को सुन रहा था तो लगा कि इस अविश्वास प्रस्ताव को लाने की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, इसलिए आपातकाल का हमने पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने कहा कि गल्ला जी अभी कह रहे थे कि वह श्राप दे रहे हैं। आप तो तभी शापित हो गए जब आप कांग्रेस के साथ खड़े हुए। कांग्रेस ने देश को दागदार सरकार दी और पीएम नरेंद्र मोदी ने एक दमदार सरकार दी है। कांग्रेस लंबे समय तक सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा देती रही। गरीबी तो नहीं हटी, लेकिन गरीब ही हाशिए पर आ गई। इससे दुखद बात क्या होगी कि देश की आजादी के लंबे समय बाद भी देश के 18000 गांव अंधेरे में डूबे थे। लेकिन मोदी सरकार ने मात्र 1000 दिन में इन गांव को बिजली से रोशन कर दिया। एक पार्टी की मांग के आधार पर, अन्य राज्यों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। हमारी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास पर जोर देते हुए देश का विकास किया है। देश के लोगों के लिए कई योजनाएं हमारी सरकार ने बनाई हैं, जिनका करोड़ों लोगों को लाभ मिल रहा है। कांग्रेस के राज में पहले योजनाएं अटकती थीं, फिर लटकती थीं और फिर कहीं भटक जाती थीं। इस भटकाव के पीछे कई कारण हुआ करते थे, जिन्हें सब जानते हैं। जबलपुर में ही एक परियोजना कांग्रेस के शासनकाल में पर्यावरण और रेलवे विभाग के बीच लटका रहा। लेकिन केंद्र में मोदी सरकार आते ही वो योजना पास हो गई। ये इस बात का प्रमाण है कि भ्रष्टाचार अब दूर हो रहा है। देश की अर्थव्यवस्था लगातार आगे बढ़ रही है। राकेश सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनियाभर में देश का गौरव बढ़ रहा है। डोकलाम में चीनी सेना पीछे हटी और सर्जिकल स्ट्राइक जैसी घटनाओं से देश का मनोबल ऊंचा हुआ है। अमेरिका का राष्ट्रपति आज पीएम मोदी की अगुवाई के लिए प्रोटोकॉल तोड़ता है इससे भी कुछ लोग कुंठित हैं। 2019 में फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है और इसी हताशा ने इस अविश्वास प्रस्ताव की नींव रखी है। कभी फसल बीमा योजना पर सवाल खड़ा करने वाले हमारे कांग्रेस के साथी इस बात से हैरान हैं कि आज इस योजना के दायरे में देश का करीब 40 फीसदी किसान आ गया है। भाजपा की सरकार का मतलब है विकास, देश की महिलाओं का सम्मान, गरीबों का कल्याण. इन्हीं सकारात्मक बदलाव की वजह है कि आज 19 राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी है. पूर्वात्तर तक में विकास की धारा बह रही है। राकेश सिंह ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में मोदी सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि राजस्थान में आधारभूत चीजों का बेहद अभाव था, जो भाजपा सरकार आने के बाद सुधरी हैं। 2003 से पहले मध्य प्रदेश में सड़कों के नाम पर गड्ढे थे, बिजली के नाम पर अंधेरा था। लेकिन अब स्थिति वहां काफी बदल गई है। वहां विकास नजर आ रहा है। 2003 के बाद बीजेपी की सरकार में मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर भी बढ़ी है। देश में बेटियों के भविष्य के निर्माण की दिशा में मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य है।
अविश्वास प्रस्ताव पर टीडीपी का भाषण
तेलुगू देशम पार्टी सांसद जयदेव गल्ला ने प्रस्ताव पर पार्टी का समर्थन करने वाले दलों का आभार जताते हुए कहा कि पहली बार सांसद बनने के साथ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करना मेरे लिए गौरव की बात है। जयदेव गल्ला ने लोकसभा में कहा कि चार कारणों से यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इसमें विश्वास की कमी, भेदभाव, प्राथमिकता की कमी शामिल हैं। आंध्र की पांच करोड़ जनता के साथ धोखा किया गया। आंध्र प्रदेश का मुद्दा राष्ट्रीय मुद्दा है। ये भाजपा और टीडीपी की लड़ाई नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश से किया वादा पूरा नहीं किया, हमारे लिए यह भावनात्मक मुद्दा है। तेलंगाना नहीं आंध्र नया राज्य। आंध्र के समाने ज्यादा समस्याएं हैं। केंद्र ने आंध्र प्रदेश के साथ न्याय नहीं किया। आंध्र प्रदेश पर भारी आर्थिक कर्ज है, जनता के पास ज्यादा संसाधन नहीं हैं। मोदी सरकार आने के बाद प्रदेश की चुनौतियां बढ़ गई हैं। आंध्र प्रदेश के विभाजन को लेकर मोदी जी ने कहा था कि कांग्रेस ने मां को मार दिया और बच्चे को बचा लिया। उन्होंनेने कहा था कि मैं मां को बचाऊंगा। लेकिन आंध्र प्रदेश के लोग ठगे गए हैं, प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ इस तरह धोखा कैसे कर सकते हैं? अगामी लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश की जनता करारा जवाब देगी, हम धमकी नहीं श्राप दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन कर्नाटक चुनाव में जनार्दन रेड्डी और उनके लोगों को टिकट क्यों दिया गया। गल्ला ने लोकसभा में पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि क्या आपके वादों की कोई अहममियत नहीं है। उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में भी मोदी ने रैली में आंध्र के स्पेशल स्टेटस देने का वादा किया था। ऐसे में क्या आपको लगता है कि आंध्र प्रदेश के लोग आप पर भरोसा करेंगे? केंद्र ने हमारे खाते से पैसे वापस लिए जिससे राज्य को काफी वित्तीय नुकसान हुआ है। आंध्र के लिए जो परियोजनाओं लाने की बात की गई थी उसके लिए भी कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। आंध्र प्रदेश के साथ बुंदेलखंड से भी ज्यादा भेदभाव हुआ है। हमें रेवेन्यू डेफिसिट की भरपाई के लिए भी पर्याप्त फंड नहीं मिला। आंध्र प्रदेश में परियोजनाओं के लिए जितनी पैसे का एलान किया गया था उतना पैसा कभी नहीं दिया गया। पिछड़े इलाकों के लिए दिए जाने वाले पैकेज तक में कटौती की गई। पूरे फंड का सिर्फ 2-3 फीसद हिस्सा ही दिया गया, क्या इसे वादा पूरा करना कहते हैं। गुजरात में सरदार पटेल के लिए जितना पैसा दिया जा रहा है, उससे कम पैसा आंध्र की राजधानी अमरावती के लिए दिया जा रहा है। पीएम ने दिल्ली से भी बड़ी और अच्छी राजधानी बनाने का वादा किया था, उस वादे का क्या हुआ। मैं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का अनुरोध करता हूं।
शिवसेना करेगी अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार
शिवसेना ने संसदली दल की बैठक के बाद निर्णय लिया कि वो अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार करेंगे और सदन से वोटिंग के समय गैरहाजिर रहेंगे। संजय राउत ने कहा कि हमारे सांसद सदन में नहीं जाएंगे। वोटिंग के समय हम गैरहाजिर रहेंगे। शिवसेना अविश्वास प्रस्ताव का बहिष्कार करेगी। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह फैसला लिया है। भाजपा के पास संख्याबल है और इस अविश्वास प्रस्ताव से कुछ होने वाला नहीं है। सदन से गैरहाजिर होकर हम तकनीकी तौर पर एनडीए सरकार के साथ हैं। हालांकि हम बहुत दुखी और आहत हैं।