December 26, 2024

अयोध्या: 27 साल 3 माह 20 दिन बाद टेंट से मंदिर पहुंचे रामलला,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में हुआ सारा कार्य

ramlala shifting

अयोध्या,25 मार्च(इ खबरटुडे)। रामायण में एक चौपाई है कि प्रबिसि नगर कीजे सब काजा, हृदय राखि कोसलपुर राजा। मतलब कि अयोध्या के राजा का मनन करते हुए या उन्हें हृदय में रखकर कोई भी काम किया जाए तो सब संपन्न होता है। अयोध्या के राजा भगवान रामलला को जब-जब उनके भक्त टेंट में विराजमान देखते तो एक टीस सी पैदा हो जाती थी। जेहन में सवाल होता था कि इतने मकानों के बीच टेंट में भगवान रामलला। कई बार तो यह देखकर रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास अपने आंसू नहीं रोक सके लेकिन वह कहते हैं कि सब भगवान की लीला थी। हालांकि, भगवान रामलला को 27 साल तीन महीने और 20 दिन बाद बुधवार को अस्थायी मंदिर में प्रतिस्थापित कर दिया गया है।

6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में हुई घटना के बाद भगवान रामलला की उसी वक्त स्थापना कर दी गई थी। अस्थायी मंदिर में भगवान रामलला के प्रवेश के साथ ही उनके मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बहुत खुश हैं। एनबीटी ऑनलाइन ने उनकी खुशी जानने की कोशिश की तो वह कहने लगे यह मंदिर भले ही अस्थायी है लेकिन बहुत सुंदर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सारा कार्य संपन्न हुआ है। भगवान रामलला टेंट में थे लेकिन आज उनके लिए एसी का भी इंतजाम किया गया है।

‘…क्योंकि आज ऐतिहासिक दिन है’

उत्तराखंड वॉर मेमोरियल के चेयरमैन तरुण विजय लिखते हैं, ‘बाबर ने रामजन्मभूमि मंदिर को खंडित कर दिया था। इसके 500 वर्षों बाद (1528-2020) आज हिंदू नव वर्ष पर भारत ने उचित पूजा स्थान में भगवान श्री राम विग्रह की पूजा अर्चना देखी है। भव्य राम मंदिर बन जाने तक रामलला यहीं रहेंगे। यह वाकई एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद और प्रणाम।’

जानें, कैसा है फाइबर का मंदिर

फाइबर का नया मंदिर 24X17 वर्ग फुट आकार के साढ़े 3 फुट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित है। इसके शिखर की ऊंचाई 25 फुट है। हर तरफ सुरक्षा को लेकर मजबूत जालीदार कवच बना है। श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए तीन हिस्से से होकर गुजरना होगा, जिसकी लंबाई मात्र 48 मीटर की ही होगी। सुरक्षा को लेकर पूरे रास्ते में एलईडी के बल्ब से रेाशनी का इंतजाम किया गया है। फाइबर मंदिर की दीवारें मलेशिया की ओक लकड़ी की स्ट्रिप्स को जोड़कर खड़ी की गई हैं।

रामलला के भवन की खासियत

24 फीट लंबे, 17 फीट चौड़े और 19 फीट ऊंचे भवन पर 27 इंच का शिखर है। इस भवन की बाहरी दीवार जर्मन फाइन और अंदर रशियन के स्तुनिया शहर की फाइल लगी है। लकड़ी जैसी दिखने वाले इस मंदिर में तीन तरफ से शीशे लगे हैं। भवन की खासियत है कि इसमें तापमान का असर नहीं पड़ता है। अस्थायी मंदिर के बाहर 27 फीट ऊंचा लोहे का जाल है। 5 फीट की गैलरी श्रद्धालुओं के लिए बनाई गई है। सामने से दर्शन के लिए रंग मंडप बना है। मंदिर के अंदर चारों तरफ रामायण के प्रसंगों के चित्र बने हुए हैं। दर्शन की गैलरी में टाइल्स लगाई गई है। रामलला के अस्थाई मंदिर में विराजमान होने के साथ ही अब श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए ज्यादा दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी। साथ ही काफी करीब से रामलला के दर्शन शुरू हो गए हैं।

सीएम योगी ने दिया 11 लाख रुपये का चेक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान रामलला को अस्थायी मंदिर में शिफ्ट कराया। यह अस्थायी मंदिर राम जन्मभूमि परिसर में मानस भवन के नजदीक बनाया गया है। भगवान रामलला यहां मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने तक रहेंगे। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख रुपये का चेक भी सौंपा।

विशेष सिंहासन पर विराजमान हुए रामलला

भगवान रामलला को प्रतिस्थापित होने के साथ ही उनकी विशेष आरती भी की गई। बुधवार को सुबह ब्रह्म मूहूर्त में करीब 4 बजे श्रीरामजन्मभूमि परिसर में स्थित गर्भगृह में रामलला को स्नान और पूजा-अर्चना के बाद अस्थायी मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया। फाइबर के नए मंदिर में रामलला को विराजमान करने के लिए अयोध्या के राजघराने की तरफ से चांदी का सिंहासन भेंट किया गया है। साढ़े नौ किलो का यह सिंहासन जयपुर से बनवाया गया है।

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