November 24, 2024

अमेरिका ने तिब्बत के लिए नियुक्त किया विशेष अधिकारी, चीन ने दी बेहद तीखी प्रतिक्रिया

वाशिंगटन,16 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहने के बाद अमेरिका ने अपने एक वरिष्ठ अधिकारी को तिब्बत मसले के लिए स्पेशल कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। 1950 से तिब्बत चीन के कब्जे में है और कूटनीति रूप से यह उसके लिए बेहद संवेदनशील मसला है। इसीलिए अमेरिका के कदम पर चीन ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उसने इसे तिब्बत को अस्थिर करने के लिए राजनीतिक जालसाजी करार दिया है।

रॉबर्ट डेस्ट्रो को इस पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपने की घोषणा की

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी तिब्बत मसले पर अमेरिकी कोऑर्डिनेटर से बात करने से लगातार इन्कार करती रही है। भारत में स्थापित तिब्बत की निर्वासित सरकार के मुखिया दलाई लामा हैं। ट्रंप प्रशासन के सत्ता संभालने के बाद से तिब्बत मसले पर स्पेशल कोऑर्डिनेटर का पद रिक्त था। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम मामलों पर मंत्रालय में असिस्टेंट सेकेट्री रॉबर्ट डेस्ट्रो को इस पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपने की घोषणा की। पोंपियों ने एक बयान जारी कर कहा कि डेस्ट्रो चीन के लोगों और दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के बीच संवाद को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि तिब्बत की विशेष धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई पहचान की रक्षा की जा सके।

चीन ने बताया राजनीतिक जालसाजी

वहीं, चीन ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी निंदा की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘तिब्बत मामलों पर कथित स्पेशल कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और शीजांग (तिब्बत का चीनी नाम) को अस्थिर करने की राजनीतिक जालसाजी है। चीन इसका पूरी तरह से विरोध करता है और उन्हें कभी मान्यता नहीं देगा।

वहीं, दूसरी ओर रूस, चीन और क्यूबा ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की सदस्यता हासिल की थी। हालांकि सऊदी अरब को इसमें हार का सामना करना पड़ा था। इस दौड़ में 193 सदस्यीय यूएन महासभा में गुप्त मतदान में पाकिस्तान को 169 मत मिले उज्बेकिस्तान को 164 नेपाल को 150 चीन को 139 और सऊदी अरब को मात्र 90 मत मिले।

You may have missed