अमर शहीद जगदीश पाटीदार की स्मृति में रक्तदान
कुल 42 यूनिट रक्त एकत्रित,कबड्डी प्रतियोगिता गुणावद ने जीती
रतलाम,31 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। समीपस्थ ग्राम नगरा में अमर शहीद स्व.जगदीश पाटीदार के बलिदान दिवस पर रक्तदान शिविर व कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर में 42 व्यक्तियों ने रक्तदान किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में समग्र ग्राम विकास के मालवा प्रान्त प्रमुख रामप्रसाद पाण्डेय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह दशरथ पाटीदार व रेडक्रास सोसायटी के कैलाश जोशी विशेष रुप से उपस्थित थे।
पंचायत भवन परिसर में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर के मौके पर उपस्थित नागरिकों को सम्बोधित करते हुए समग्र ग्राम विकास के श्री पाण्डेय ने कहा कि देश के विकास के लिए गांव का समग्र विकास आवश्यक है। ग्रामवासियों में स्वैच्छिकता की भावना का विकास होगा तो गांव विकास के पथ पर आगे बढेंगे। रक्तदान जैसे कार्यक्रमों में ग्रामीणजनों की बडी संख्या इस बात को दर्शाती है कि स्वैच्छिकता की भावना में उत्तरोत्तर वृध्दि हो रही है। उन्होने कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं को सफल आयोजन की बधाई दी। रेडक्रास के वरिष्ठ सदस्य कैलाश जोशी ने रक्तदान का महत्व बताते हुए कहा कि रक्तदान से जहां किसी व्यक्ति का जीवन बचता है,वहीं रक्तदान करने वाले को इससे कई प्रकार के लाभ होते है। नियमित रुप से रक्तदान करने वाले व्यक्ति के रक्त का शुध्दिकरण होता रहता है और इससे वह कई समस्याओं से दूर रहता है। कार्यक्रम का संचालन विकास पाटीदार ने किया।
42 यूनिट रक्त एकत्रित
रेडक्रास सोसायटी के सहयोग से संपन्न रक्तदान शिविर में ४२ यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। रक्तदान के इस पुनीत कार्य में रक्तदान का रेकार्ड बना चुके मुन्ना भाई का सराहनीय सहयोग रहा। उल्लेखनीय है कि ग्राम नगरा में प्रतिवर्ष ३१ अक्टूबर को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है,जिसमें गांव के अनेक लोग पूरे उत्साह के साथ रक्तदान करते है।
कबड्डी प्रतियोगिता में गुणावद विजेता
स्व.पाटीदार की पुण्यतिथी के मौके पर रक्तदान शिविर के साथ साथ कबड्डी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया,जिसमें अनेक गांवों की टीमें शामिल हुई। कबड्डी प्रतियोगिता में ग्राम गुणावद की टीम विजेता रही,जबकि नगरा बी टीम उपविजेता रही। बेस्ट सर्विस का पुरस्कार गुणावद के अजय जाट ने जीता। स्पर्धा के निर्णायक के रुप में दीपेन्द्र सिंह ठाकुर,महेन्द्र सिंह सोलंकी,शंकरलाल मालवीय और महेन्द्र शुक्ला उपस्थित थे।