अब दूध के लिए तरस रही पाकिस्तानी जनता, 180 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचा दाम
कराची,13 अप्रैल( इ खबर टुडे )। मंहगाई की मार झेल रही पाकिस्तान की जनता के लिए परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां सब्जियों, पेट्रोल, डीजल आदि चीजों की पहली ही कीमतें काफी ज्यादा होने की वजह से लोगों की जान अधर में लटकी हुई है। अब दूध के बढ़े दामों ने उसकी परेशानी को और ज्यादा बढ़ाने का काम किया है।
कराची डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन ने अचानक से ही दूध के दामों में 23 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। जिसके कारण यहां दूध की कीमत 120 रुपये प्रति लीटर हो गई है। वहीं खुदरा बाजार में दूध 100 से 180 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। भारतीय रुपये की तुलना में पाकिस्तानी रुपये का मूल्य आधा है।
मंहगाई से दो-चार हो रही पाकिस्तान की जनता इस समय काफी गुस्से में है। इमरान खान के लिए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुतौनी है। पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार फार्मर्स एसोसिएशन ने सरकार से कई बार दाम बढ़ाने का अनुरोध किया था। मगर जब सरकार ने उसकी बात नहीं सुनी तो उसने खुद यह फैसला ले लिया।
एसोसिएशन के एक अधिकारी ने बताया कि वह इस मामले में दखल देने के लिए अधिकारियों से मिले थे। मगर उन्होंने कुछ नहीं किया। चारे का दाम चार गुना और ईंधन की कीमतों में भी काफी इजाफा हुआ है। प्रशासन ने एसोसिएशन के फैसले को गलत बताया है। मंहगा दूध बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं पर कार्रवाई हुई है।
प्रशासन ने दूध के दाम 94 रुपये प्रति लीटर तय किए हैं। बावजूद इसके खुदरा विक्रेता 100 से 180 रुपये प्रति लीटर की कीमत से दूध बेच रहे हैं। इसी कारण प्रशासन ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि मंहगा दूध बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। इस मामले में एक दुकानदार की गिरफ्तारी भी हुई है।
बता दें कि पाकिस्तान में मार्च 2019 के दौरान महंगाई की दर पांच वर्ष के उच्चतम स्तर 9.41 फीसदी पर पहुंच गई है। महंगाई का यह स्तर अप्रैल 2014 के बाद का सर्वाधिक है। उस समय महंगाई 9.2 फीसदी आंकी गई थी। मार्च महीने में ही महंगाई एक माह पहले की तुलना में 1.42 फीसदी बढ़ गई है।
पाकिस्तान में 10 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं। इसके चलते गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में 40 लाख की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। पाकिस्तान के पास आयात करने के लिए भी पर्याप्त पैसा नहीं है। पाकिस्तान का विदेशी पूंजी भंडार फिलहाल, 8.5 अरब डॉलर का है। लेकिन, यह दो महीने के आयात के लिए भी काफी नहीं है।