जिला अस्पताल में नहीं थी सुविधा, बाहर से मदद लेकर बचाई मां और नवजात की जान
Neemuch News: नीमच जिले में समय से पहले प्रसव (प्रीमैच्योर डिलीवरी) के मामले में डॉक्टरों ने सूझबूझ दिखाते हुए मां और नवजात की जान बचाई। जिला अस्पताल में मेटरनिटी ICU और वेंटिलेटर जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं होने के कारण निजी अस्पताल की मदद ली गई।
मनासा कस्बे की रितिका का प्रसव 12 अगस्त को होना था, लेकिन 6 जुलाई को अचानक तबीयत बिगड़ गई। झटके आने लगे और समय से पहले डिलीवरी की नौबत आ गई। हालत गंभीर थी, इसलिए डॉक्टरों ने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर निजी अस्पताल की सहायता ली। रात 10 बजे ऑपरेशन किया गया और रितिका ने 34 सप्ताह की बच्ची को जन्म दिया।
बच्ची का वजन सिर्फ 1450 ग्राम था, जबकि सामान्य तौर पर नवजात का वजन 2500 ग्राम या उससे अधिक होता है। बच्ची को जन्म के बाद सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। ऑपरेशन के बाद मां को वेंटिलेटर पर रखा गया और बच्ची को जिला अस्पताल के स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में भर्ती किया गया।
डॉक्टरों की टीम ने लगातार देखभाल की।10 दिन बाद रितिका की तबीयत में सुधार हुआ तो उसे भी SNCU के पास शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की मेहनत से 15 दिन बाद दोनों पूरी तरह ठीक हो गए। मंगलवार को मां और बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब बच्ची का वजन 1600 ग्राम हो चुका है और वह स्वस्थ है।