बघाना की सड़कों पर गड्ढों से परेशान लोग
Neemuch News: बारिश के मौसम में बघाना क्षेत्र की सड़कें एक बार फिर जर्जर हो चुकी हैं और जनता आवागमन में दिक्कतों से जूझ रही है। कई स्थानों पर नगर पालिका द्वारा किए जा रहे पैचवर्क को लोग सिर्फ औपचारिकता बता रहे हैं। हनुमान नगर से रेलवे फाटक, फतेह चौक, होली चौक, रेगर मोहल्ला, अहीर मोहल्ला और धनेरियाकलां तक कई मार्गों पर गड्ढों में केवल मिट्टी और गिट्टी भरी गई है; कहीं-कहीं सीमेंट मिला कर गिट्टी बिछाई गई है। इससे दोपहिया वाहन चलाना जोखिम भरा हो गया है और अक्सर वाहन फिसलने का भय बना रहता है।
बघाना का यह इलाका राजस्थान से जुड़ा हुआ है और दोनों मार्गों पर चौबीसों घंटे यातायात होता है। सादड़ी-बघाना मुख्य मार्ग जो पिछले वर्ष डामरीकृत हुआ था, एक किलोमीटर के बाद बारिश से टूटना शुरू हो गया है। दूसरी ओर बघाना रेलवे फाटक से होते हुए धनेरियाकलां तक जाने वाला मार्ग भी कई हिस्सों में बुरी तरह खराब है। इन मार्गों पर न केवल निजी हल्के वाहन और दोपहिया, बल्कि भारी लोडिंग वाहन भी आवागमन करते हैं। परिणामस्वरूप रोजाना हज़ारों लोग और सैकड़ों वाहन प्रभावित होते हैं।
नगरीय सीमांत इलाकों में नई और पुरानी मिलाकर लगभग दस कॉलोनियां बस चुकी हैं। धनेरियाकलां, दारू, दुदरसी तथा सेमार्डा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र भी इस मार्ग पर निर्भर करते हैं, वहीं राजस्थान की ओर से आने वाला यातायात भी यही मार्ग उपयोग करता है। ऐसे महत्वपूर्ण मार्गों पर साल-दर-साल केवल अस्थायी पैचवर्क से काम चल रहा है। पिछले वर्ष भी यही बात रही थी — पैचवर्क कर दिया गया और बाद में पुनः जगह-जगह सड़कें खराब हो गईं। स्थानीय निवासियों ने कई बार शिकायतें कीं, पर समस्या का स्थायी समधान नहीं हुआ।
मंदिरों के सामने तथा आवासीय कॉलोनियों के बाहर भी सड़कें खराब होने से श्रद्धालु और निवासी दोनों प्रभावित हो रहे हैं। रात में गड्ढों के कारण दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है और मोबाइल की रोशनी पर ही लोग कदम रखना मजबूर होते हैं। बुजुर्ग और बच्चे विशेष रूप से खतरे में आते हैं। व्यापारिक आवाजाही प्रभावित होने से स्थानीय दुकानदारों और परिवहनकर्ताओं को आर्थिक नुक़सान भी उठाना पड़ रहा है।
नगर पालिका के प्रतिनिधियों का कहना है कि डामरीकृत और पक्का पैचवर्क शुरू करने में समय लगेगा क्योंकि क्षेत्र में सीवरेज परियोजना का काम होना है। इसलिए फिलहाल जहनत बारीक गिट्टी और सीमेंट मिला कर गड्ढों को भरा जा रहा है ताकि गिट्टी टूटकर चारों तरफ न बिखरे। प्रशासन के अनुसार मुर्रम और कच्चा पैचवर्क भी करवा दिया गया है और जहां जरूरत होगी, कर्मचारी भेज कर तत्काल सुधारे करेंगे। साथ ही कहा गया कि अगले महीने पक्का पैचवर्क कर के सड़कों को सुधारने की योजना है।
हालाँकि स्थानीय पार्षद व सार्वजनिक प्रतिनिधि भी इस क्षेत्र में रहते हैं और रोजाना इन मार्गों से गुजरते हैं, फिर भी धनराशि अनुमोदन के बावजूद काम ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। निवासियों का कहना है कि स्वीकृत परियोजना के बावजूद व्यवहारिक रूप से काम रुका हुआ दिखाई देता है। रास्तों की दुर्दशा और बारिश की वजह से आवाजाही खतरनाक हो गई है, इसलिए कम से कम अस्थायी पैचवर्क समय पर कर देने से समस्या कम होती।
स्थानीय लोगों का सुझाव है कि पहले उन हिस्सों को प्राथमिकता दी जाए जहाँ से भारी वाहनों का आवागमन अधिक होता है और पूर्ति के लिए मुर्रम और पक्के पदार्थ उपलब्ध कराए जाएँ। साथ ही सीवरेज परियोजना के साथ समन्वय बैठाकर स्थायी सड़क निर्माण की तिथि स्पष्ट की जानी चाहिए ताकि बार-बार होने वाला आधे-अधूरा कार्य समाप्त हो सके। प्रशासन और नगर निगम को निवासियों की दिक्कतों को प्राथमिकता देनी होगी ताकि रोजमर्रा की आवाजाही सुरक्षित और सुगम बन सके।
अब समय यह है कि औपचारिकता से आगे बढ़ कर ठोस और टिकाऊ समाधान निकाले जाएँ। यदि अधिकारियों ने शीघ्र और प्रभावी कदम न उठाए तो आने वाले दिनों में सड़क हादसों और आवागमन प्रभावित होने की घटनाएं बढ़ेंगी और स्थानीय जीवन-यापन पर असर पड़ेगा।