Neemuch News: बघाना रेलवे ग्राउंड पर सिखा रहे 45 से ज्यादा बच्चों को फुटबॉल के गुर
Neemuch News: शहर के बघाना स्थित रेलवे खेल ग्राउंड में इन दिनों 6 से लेकर 16 साल तक के 45 से ज्यादा बच्चों को फुटबॉल की बारीकियां सिखाई जा रही हैं। खेलो इंडिया-खेलो नीमच के तहत यहां राष्ट्रीय स्तर के पूर्व खिलाड़ी तक शिविर में नियमित सुबह 6 से 9 बजे तक निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। जहां बच्चे मैदान में व्यायाम करने के साथ फुटबॉल के अलग-अलग गुर सीखते हैं।
देशभर में खेल के क्षेत्र में शहर की पहचान फुटबॉल के कारण है। आजादी के पहले से ही शहर में फुटबॉल का जुनून रहा है। यही कारण है कि नीमच के खिलाड़ी दिलीप ट्रॉफी से लेकर इंडिया फुटबॉल कैंप, दिल्ली तक खेले और कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपने खेल का जौहर दिखाया है। जिला फुटबॉल संघ, नीमच (डीएफए) में शहर की करीब 26 फुटबॉल टीमें पंजीकृत हैं और प्रदेश सहित देशभर में आयोजित होनी वाली फुटबॉल स्पर्धाओं में भाग लेती हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से शहर के फुटबॉल की धार कम हुई है लेकिन अब फिर से बच्चों में फुटबॉल के प्रति जुनून को देखते हुए पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी से लेकर रेफरी व कोच तक फुटबॉल के गुर सिखाने बच्चों के पहले मैदान में पहुंच रहे हैं।
बघाना स्थित रेलवे के ग्राउंड में रेलवे से रिटायर्ड और पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी प्रहलाद अहीर जो इंडिया फुटबॉल कैंप दिल्ली तक जा चुके हैं और कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपना खेल कौशल दिखा चुके हैं। ऐसे पूर्व खिलाड़ी के साथ कोच रहे रमेश थापा, राजू अहीर (रज्जू), राजेश अहीर, रेफरी राजेश निर्वाण जैसे राष्ट्रीय स्तर तक खेल चुके फुटबॉल खिलाड़ी बच्चों को फुटबॉल के गुर सिखाने सुबह 6 बजे के पहले ही मैदान में पहुंच जाते हैं। 6.30 बजे से बच्चों को सिखाना शुरू करते हैं, यह क्रम करीब 9 बजे तक चलता है। इस दौरान बच्चों को अंकुरित चने सहित अन्य डाइट फूड भी देते हैं।
अभी 45 से ज्यादा बच्चे फुटबॉल सीख रहे हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी जो 18 स्कूल गेम्स में भी खेलते हैं। पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी प्रहलाद अहीर ने बताया कि बच्चों को बॉल कंट्रोलिंग, क्रॉसिंग, रिसीविंग, किक मारना, पॉसिंग, रन विद द बॉल, शूट, विद आउट बॉल रनिंग के साथ ही एक्सरसाइज का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों को फुटबॉल की बारीकियां से परिचित कराया जा रहा है ताकि वे अच्छे खिलाड़ी बन सकें। इनकी फिटनेस का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसमें शारीरिक, मानसिक व सामाजिक विकास किया जा सके। युवा पीढ़ी को फुटबॉल में ज्यादा दिलचस्पी है। वैसे भी नीम नीमच का नाम देशभर में फुटबॉल के कारण सम्मान से लिया जाता है।