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Neemuch News: नीमच जिले में शिक्षक ने खुद नेवी नहीं जा पाए, लेकिन 350 सैनिक-पुलिस जवान तैयार कर दिए

 

Neemuch News: जिले की जीरन तहसील ने ही एकमात्र क्षेत्र है जहां हर साल 15 से 20 युवा इंडियन आर्मी में सिलेक्ट होते हैं। यह संभव हुआ है एक साधारण शिक्षक बाबूलाल भामावत के संकल्प के दम पर। 6 दशक पहले वे नैवी में नहीं जा पाए तो गांव से ही देश को 350 सैनिक-पुलिस जवान दे डाले।

71 साल के भामावत की बचपन से इच्छा थी कि आर्मी ज्वाइन करें। 1969 में 10वीं के बाद उनका इंडियन नेवी में सिलेक्शन भी हुआ लेकिन पिता के मना करने पर सपना अधूरा रह गया। भामावत की शिक्षक के रूप में पोस्टिंग 1974 में में प्राइमरी स्कूल अमावली महल में हुई। इसके बाद उन्होंने अपने गांव के युवाओं में अधूरी इच्छा को पूरी करने का सपना देखा।

युवाओं को  आर्मी में जाने को प्रेरित करने लगे। प्राइमरी स्कूल से प्रमोशन होकर भामावत 1995 में हायर सेकंडरी स्कूल में खेल शिक्षक बने। स्कूल के बाद बाकी समय वे रोज घर-घर जाकर गांव में युवाओं को आर्मी में जाने के लिए प्रेरित करने लगे। कई बार निराशा भी हाथ लगी लेकिनउन्होंने हिम्मत नहीं हारी। धीरे-धीरे युवा उनसे जुड़ने लगे।

इनको ट्रेनिंग देने के लिए मैदान में ट्रैक बनाया जहां दौड़ना, लपकना,पुशअप, लंबी व ऊंची कूद और खो-खो जैसी गेम्स में प्रैक्टिस कराई। मानसिक ज्ञान भी बढ़ाते गए। 2016 में वे रिटायर हो गए। जीरन से अब तक 350 युवाओं का अनेक सेवाओं में सिलेक्शन हो चुका है। यश विश्वकर्मा, प्रकाश पाटीदार वायुसेना, इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल पद तक पहुंचे डॉ. राहुल शर्मा, नितेश भट्ट और अंशुल दुधेचा व अन्य युवा सफलता का श्रेय भामावत को देते हैं।

अभी कई युवा कतार में

#60 के दशक में मैं सेना में नहीं जा पाया था तो दुःख हुआ था। शिक्षा विभाग में सेवा देते समय तय कर लिया था कि नई पौध तो जरूर तैयार करूंगा। घर-घर जाकर युवाओं को मनाया। अब तक 350 युवा इंडियन आर्मी की अनेक शाखाओं में ड्यूटीरत हैं। 3 साल में पुलिस में जाने वालों की तादाद भी बढ़ी है। वर्तमान में सीएम राइज स्कूल की मान्यता प्राप्त करने वाले जीरन स्कूल में कोई ऐसा स्पोर्ट्स टीचर नहीं है कि जो युवाओं को तैयार कर सके। अभी भी कई युवा कतार में हैं।-बाबूलाल भामावत, सेवानिवृत्त स्पोर्ट्स टीचर,