जिले में पहली बार किसान ने शुरू की स्वीट माल्टा की खेती, पश्चिम बंगाल से मंगाए पौधे
Neemuch News: सीतामऊ तहसील के गांव गोपालपुरा के किसान राकेश पाटीदार ने मौसंबी की उन्नत किस्म ‘स्वीट माल्टा’ की खेती शुरू की है, जिसे थाई या वियतनाम माल्टा भी कहा जाता है। जिले में यह पहला प्लांट है। देश में इसकी खेती मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में होती है। राकेश ने दिसंबर 2023 में 1 हजार पौधे पश्चिम बंगाल से मंगवाकर साढ़े छह बीघा खेत में लगाए थे, जो अब फल देने लगे हैं।
किसान के अनुसार स्वीट माल्टा की खासियत यह है कि यह कम पानी और किसी भी मिट्टी में उग सकता है। मौसंबी से ज्यादा मीठा, कम रखरखाव वाला और साल में 2-3 बार फल देने वाला यह पौधा संतरा-अमरूद की तरह सहारा भी नहीं मांगता। 10x10 दूरी पर लगाए पौधों से शुरुआती तीन साल में प्रति पौधा 40 किलो तक फल मिल सकते हैं, जो एक महीने तक खराब नहीं होते।
राकेश ने 2024 के अंत तक कुछ पौधों से करीब 40 किलो फल बेच दिए हैं और वर्तमान में सभी पौधों पर फल आ रहे हैं। 2026 तक सभी पौधे पूरी तरह तैयार हो जाएंगे। बाजार में इसका दाम 40 से 100 रुपये किलो तक मिलता है, जिससे लागत के मुकाबले अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है।
उद्यानिकी विभाग सीतामऊ के अधिकारी बनवारीलाल वर्मा के अनुसार, मंदसौर जिले में स्वीट माल्टा का यह पहला प्लांट है। यह हर मौसम में अनुकूल है और किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। विभाग समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन देता है। गोपालपुरा नवाचार में अग्रणी है, जहां पहले से वीएनआर अमरूद के आठ बड़े प्लांट हैं, जिनसे किसान लाखों रुपये कमा रहे हैं। अब स्वीट माल्टा की शुरुआत भी यहीं से हुई है।