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Mandsaur News: सब्जी खरीदने आने वाली महिलाओं को नहीं मिल रही प्रसाधन की सुविधा,कृषि उपज मंडी के सुविधाघर पर लगा ताला

 

Mandsaur News: सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि उपज मंडी में बीते सात-आठ वर्षों में किसानों की संख्या बढ़ी है। मंडी में फसल की आवक और आय दोनों में इजाफा हुआ है। इसके बावजूद यहां बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। मंडी शहर से दो किलोमीटर दूर है। यहां आने वाले किसानों और व्यापारियों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है। वहीं अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी किसान व व्यापारी संघर्ष कर रहे हैं।

किसानों व व्यापारियों के अनुसार मंडी समिति ने वर्षों पहले जो सुविधाघर बनवाया था, उस पर ताले लगे हैं। किसान कई बार यहां आकर भटककर वापस जाते हैं। बाथरूम तक जाने के लिए न सीढ़ियां हैं, न ही पानी की व्यवस्था। हैरानी की बात तो ये हैं कि अव्यवस्थाओं के चलते व रखरखाव के अभाव में भवन का जो ढांचा है, वह भी जर्जर हो चुका है। पास में बना पानी का टैंक सड़ चुका है। बदबू फैल रही है। जिम्मेदारों को इसकी परवाह नहीं है।

सुविधाघर को ठीक करवाया जाएगा- किसानों का कहना है कि मंडी से दो किलोमीटर दूर बस स्टैंड सीतामऊ पर एक सार्वजनिक शौचालय है। किसान अपनी उपज छोड़कर वहां नहीं जा सकते। मंडी सचिव विजय कुमार जैन ने बताया कि वे हाल ही में पदस्थ हुए हैं। पहले मंडी समिति ने टेंडर निकाले थे लेकिन कोई आवेदन नहीं आया। अब फिर से टेंडर निकालकर सुविधाघर को ठीक करवाया जाएगा। ताकि हमारे किसानों व व्यापारियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।


रखरखाव के अभाव में धीरे-धीरे टूट रहा सुविधाधर

मंडी परिसर में हर दिन सुबह तीन बजे से सब्जियों की खरीद-फरोख्त शुरू हो जाती है। महिलाएं भी सब्जी खरीदने आती हैं। सुविधाघर बंद होने से उन्हें भी परेशानी होती है। लाखों रुपए से बना यह सुविधाघर रखरखाव के अभाव में धीरे-धीरे टूट रहा है। जल्द मरम्मत नहीं हुई तो शासन का पैसा बर्बाद हो जाएगा। किसान सुरेंद्र सिंहलोत तितरोद, ईश्वरलाल पाटीदार सुरजनी, अजय धनगर करनाली, सब्जी विक्रेता सुमित्रा माली और भूली बाई कहार ने बताया कि मंडी में लंबे समय तक रुकना पड़ता है। जो सुविधाएं हमारे लिए बनी हैं, वे ही बंद हैं। इससे दिक्कत होती है।
2011 से अब तक 4 बार तोड़ी दीवार

इधर, कृषि उपज मंडी की एक दीवार वर्ष 2011 से अब तक चार बार तोड़ी जा चुकी है। स्थाई निराकरण नहीं हुआ। तीन बार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सीतामऊ आगमन पर और एक बार मुख्यमंत्री मोहन यादव के कृषि एक्सपो 2025 में शामिल होने के दौरान यह दीवार तोड़ी गई। हर बार मंडी समिति इसे दोबारा बनवाती है। इससे मंडी को आर्थिक नुकसान होता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहली बार में ही वहां लोहे का चैनल या गेट लगवा दिया जाता तो बार-बार दीवार तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती। इससे न किसानों को नुकसान होता, न व्यापारियों को, न ही मंडी समिति को।