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Mandsaur News: मंदसौर के मेला मैदान में भरा पानी, दुकानों की जगह दलदल बन गई, टेंट में रहने वाले व्यापारी परिवार परेशान
 

Mandsaur News: बारिश ने पशुपतिनाथ मेले की तैयारियों की पोल खोल दी है। मेला शुरू होने से पहले ही मैदान कीचड़-पानी में बदल गया। तीन दिन से व्यापारी, उनके परिवार और बच्चे इसी कीचड़-पानी में फंसे हुए हैं। बारिश नहीं थमी तो मेले का शुभारंभ तो एक नवंबर को होगा लेकिन दुकानें तीन-चार दिन बाद ही जम पाएंगी। इससे मेले की अवधि 20 नवंबर से आगे बढ़ने की संभावना भी बन गई है। मंदसौर का पशुपतिनाथ मेला देशभर में प्रसिद्ध है लेकिन इस बार कीचड़ और अव्यवस्था ने शुरुआत में ही इसकी चमक फीकी कर दी है।

बारिश से पशुपतिनाथ मेला परिसर के मैदान में पानी भर गया है। दुकानों की जगह दलदल बन गई है। इससे टेंट के नीचे रहने वाले व्यापारी परिवार परेशान हो गए। प्रशासन और नगरपालिका की सुस्त रफ्तार तैयारियों ने स्थिति को और मुश्किल बना दिया। मेला ग्राउंड पर पानी निकासी के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं हुआ था। अब बारिश के बाद नगरपालिका का अमला सक्रिय हुआ। पंप और मशीनों की सहायता से पानी निकासी और अन्य इंतजाम किए जा रहे हैं। बुधवार दोपहर बाद नपाध्यक्ष रमादेवी गुर्जर खुद टीम के साथ कीचड़ से सने मैदान में पहुंचीं। उन्होंने कहा कि बाहर से आए व्यापारियों के रहने और खाने की व्यवस्था की जा रही है। नगर पालिका के मुताबिक मेले में करीब 533 दुकानें लगाई जानी हैं लेकिन तीन दिन की बारिश ने सारी व्यवस्था चौपट कर दी। कई जगह तंबुओं के नीचे पानी भर गया। व्यापारी अपने माल को बचाने के लिए तिरपाल और प्लास्टिक का सहारा ले रहे हैं। टेडी बियर, कपड़े और क्रॉकरी जैसी वस्तुएं बेचने वाले व्यापारियों का सामान भीग चुका है।

व्यापारी मेहमान, अस्थायी व्यवस्था करें

कांग्रेस पार्षद और नेता प्रतिपक्ष रफत पयामी ने नगरपालिका अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग की है कि मेले में बाहर से आए व्यापारियों के रहने और भोजन की तत्काल व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि ये व्यापारी हमारे मेहमान हैं। अतिथि देवो भव की भावना से नगर पालिका को इनके लिए धर्मशालाओं और अतिथि गृहों में अस्थायी व्यवस्था करनी चाहिए। बारिश में छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं कीचड़ में रह रही हैं, यह बेहद दुःखद है।

व्यापारियों की पीड़ाः जैसे-तैसे हम गुजारा कर रहे, नपा को व्यवस्था करना चाहिए

दिल्ली से आए क्रॉकरी व्यापारी भारत ने कहा कि रहने की व्यवस्था कहां ढूंढें, पानी में फंसे हैं, जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं। अधिकारी पहले मौके पर नहीं आए, डर यही है कि बच्चे बीमार न पड़ जाएं। रतलाम से आए चूड़ी व्यापारी अनिल राठौर बोले, बारिश से पूरा ग्राउंड कीचड़ में बदल गया है। अब तक दुकान अलॉट नहीं हुई, न ही रहने की कोई व्यवस्था है। तीन दिन से यहीं पड़े हैं। बहुत सारा सामान भीग गया, प्रशासन की ओर से कोई देखने तक नहीं आया। जयपुर से आए गोवर्धनलाल जांगिड़ ने कहा कि मैदान इतना डाउन है कि हर बार पानी भर जाता है। इसे पक्का कर दें तो परेशानी नहीं होगी। फिलहाल तो हम लोहार की तरह अपनी गाड़ियां खड़ी कर के बैठे हैं, बस बारिश रुकने का इंतजार है। वहीं, एक अन्य दुकानदार रोशन ने बताया कि टेडी बियर और थैले सब भीग चुके हैं। नुकसान हो गया है लेकिन अब तक किसी ने पूछताछ तक नहीं की।

सुधार का काम लगातार जारी

अचानक हो रही बारिश से तैयारियां प्रभावित हुई हैं। व्यवसायी मुश्किल में हैं लेकिन हमने उनकी समस्याएं सुनी और भोजन और रहने की व्यवस्था की जा रही है ताकि किसी को असुविधा न हो। नगरपालिका का अमला लगातार काम कर रहा है। मेले की अवधि आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। रमादेवी गुर्जर, नपाध्यक्ष, मंदसौर