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Mandsaur News: मंदसौर शहर के 181.80 करोड़ के तीन बड़े प्रोजेक्ट भोपाल में अटके, मंजूरी के इंतजार में नगरपालिका
 

Mandsaur News: शहर के विकास से जुड़े तीन महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट सीवरेज, अमृत योजना और तेलिया तालाब सौंदर्याकरण इस वक्त भोपाल में अटके हुए हैं। करीब 182 करोड़ से बनने वाले ये तीनों प्रोजेक्ट शहर के साथ नगरपालिका के लिए प्राथमिकता में हैं, लेकिन स्टेट लेवल टेक्निकल कमेटी से मंजूरी नहीं मिलने के कारण अब तक काम शुरू नहीं हो सका है। लगातार देरी से न केवल विकास कार्यों की रफ्तार थमी है, बल्कि शहरवासियों को सीवरेज लाइन, स्वच्छ पेयजल और तालाब क्षेत्र के सौंदर्याकरण जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है।

नगरपालिका के अनुसार, 170 करोड़ का सीवरेज प्रोजेक्ट एसएलटीसी की प्रक्रिया में उलझा हुआ है। वहीं, 10 करोड़ की अमृत योजना के तहत प्रस्तावित फिल्टर प्लांट और तीन नई टंकियों का कार्य भी मंजूरी के इंतजार में है। शहर के एकमात्र पिकनिक स्पॉट तेलिया तालाब की कायापलट योजना भी इसी कारण अटकी पड़ी है। यहां टेंडर प्रक्रिया पूरी होने से पहले तकनीकी जांच के लिए फाइलें फिर से भोपाल भेजी गई हैं। नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही मंजूरी मिलेगी, तीनों कार्य एक साथ शुरू किए जाएंगे। जलकल सभापति नीलेश जैन ने बताया कि शीघ्र मंजूरी को लेकर वरिष्ठ स्तर पर भी चर्चा करके समाधान के प्रयास करेंगे।

सीवरेज प्रोजेक्ट प्रक्रिया में उलझा

शहर का सीवरेज प्रोजेक्ट करीब 17 सालों से प्रक्रियाओं में उलझा हुआ है। हाल में नगरपालिका को एसटीपी निर्माण के लिए अलावदाखेड़ी क्षेत्र में 2.25 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। एसटीपी से जुड़ने वाली लाइनों के लिए नौ इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन (आईपीएस) के स्थान तय हो चुके हैं। एसटीपी की ड्रॉइंग और डिजाइन थर्ड पार्टी जाँच में है। तकनीकी स्वीकृति के बाद फाइल जिला मॉनिटरिंग कमेटी और फिर भोपाल जाएगी। एसटीपी के अलावा मुख्य प्रोजेक्ट भी फिलहाल राज्य स्तर पर लंबित है। मंदसौर नपा के स्मार्ट सिटी की प्रक्रिया के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू व पूरा होना बहुत जरूरी है। लोगों को भी ओपन ड्रेनेज से मुक्ति मिलेगी।

तेलिया तालाब सौंदर्याकरण

1 करोड़ 80 लाख रुपए के तेलिया तालाब सौंदर्याकरण प्रोजेक्ट में तकनीकी टेंडर छह कंपनियों से प्राप्त हुए थे लेकिन दस्तावेजों की जांच के लिए इन्हें फिर से भोपाल भेजा गया है। जांच पूरी होने के बाद फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। प्रोजेक्ट में पिचिंग, वाल निर्माण, सौंदर्याकरण, झूले-चकरी, पाथवे, डेजिल्टिंग, प्लांटेशन और इलेक्ट्रिक कार्य शामिल हैं। देखरेख के अभाव में तालाब परिसर की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और कई उपकरण बेकार हो रहे हैं।

फिल्टर प्लांट व तीन पेयजल टकियां

अमृत 2.0 योजना के तहत करीब 10 करोड़ की लागत से तीन नई टंकियां और एक फिल्टर प्लांट बनाने का प्रस्ताव है। टेंडर और वर्क ऑर्डर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी लेकिन लोकेशन बदलने की आवश्यकता के कारण कार्य
रुक गया। प्रस्तावित डीपीआर के अनुसार, टिगरिया, नंदा नगर और नाहर सैय्यद दरगाह के सामने बालाजी मंदिर क्षेत्र में एक-एक टंकी और रामघाट पर नया फिल्टर प्लांट बनना था। नंदा नगर की टंकी अब किला क्षेत्र में बनाई जाएगी, क्योंकि वहां बगीचे में कुआं और पास में एमपीईबी का नया ग्रिड होने से निर्माण संभव नहीं था। नई टंकियों की क्षमता 12 से 15 लाख लीटर रखी जाएगी। बदली हुई ड्रॉइंग-डिजाइन अब राज्य स्तर पर स्वीकृति के लिए भेजी गई है। यहां भी मंजूरी का इंतजार है। (Mandsaur News)