Mandsaur News: पीडब्ल्यूडी की टीम ने सख्ती दिखाते हुए 2 दिन में 3 जेसीबी से 215 मकानों का पक्का अतिक्रमण हटाया
Mandsaur News: ग्राम पंचायत खड़ावदा में मुख्य सड़क के दोनों ओर फैले अतिक्रमण पर पीडब्ल्यूडी, राजस्व और पुलिस विभाग ने संयुक्त कार्रवाई की। तीन जेसीबी मशीनों से 215 लोगों के अवैध निर्माण हटाए गए। ये निर्माण सड़क के 52 फीट दायरे में थे। कार्रवाई के दौरान हजारों लोग मौके पर मौजूद थे। कई बार विवाद की स्थिति बनी। पुलिस ने लाठियों से भीड़ को तितर-बितर किया। कार्रवाई का ग्रामीणों ने विरोध किया। लोगों का कहना है कि खड़ावदा इतना बड़ा बाजार नहीं है कि 52 फीट तक मकान तोड़े जाएं। दलित समाज के 16 से ज्यादा परिवारों की छतें उजाड़ दी गईं। अब उनके पास न रहने की जगह है, न खाने का ठिकाना।
ग्रामीणों ने पीडब्ल्यूडी एसडीओ कमल जैन पर रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस से जिला पंचायत सदस्य रिकेश डबकरा ने कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सूचना मिलने पर लोगों ने खुद ही अस्थायी अतिक्रमण हटा लिया था। फिर भी प्रशासन ने भाजपा नेताओं के दबाव में गरीबों के मकान तोड़ दिए। डबकरा ने कहा कि 90 फीसदी लोगों का अतिक्रमण हटाया गया लेकिन भाजपा से जुड़े कुछ लोगों का अतिक्रमण छोड़ दिया गया। दलित परिवारों के साथ अन्याय हुआ है।
हम उनके लिए आंदोलन करेंगे, उन्हें मकान दिलवाएंगे। व्यवसायी गोविंद फरक्या, प्रतीक नागर और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि खड़ावदा में रोजाना एक करोड़ रुपए का कारोबार होता है। दो दिन से बाजार बंद है। जिनके घरों के बाहर पट्टियां थीं, उन्हें भी तोड़ दिया गया। जैसे कोई आतंकी कार्रवाई हो रही हो। इससे गांव में अशांति फैल गई है। लोग अब एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करने लगे हैं। ग्रामीणों ने मांग की कि ऐसी कार्रवाई तुरंत रोकी जाए।
भ्रष्टाचार के आरोप निराधार
एसडीओ कमल जैन ने कहा कि खड़ावदा में अतिक्रमण की शिकायतें मिली थीं। सड़क के दोनों ओर 52 फीट तक अतिक्रमण हटाया गया है। कुछ पक्के निर्माण को 24 घंटे का समय दिया गया है। इसके बाद पुलिस के साथ आगे कार्रवाई होगी। जिनके मकान टूटे हैं, उनकी व्यवस्था प्रशासन करेगा। भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। हमने अपना काम किया है।