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शहर को शुद्ध पेयजल के लिए और इंतजार करना होगा

 

Mandsaur News: शहर में लोगों को पर्याप्त और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अमृत 2.0 योजना के तहत शुरू किया गया प्रोजेक्ट एक बार फिर रुक गया है। करीब 11 करोड़ की लागत से तीन नई टंकियां और एक फिल्टर प्लांट बनाने की योजना थी। टेंडर और वर्क ऑर्डर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, लेकिन निर्माण शुरू होने से पहले ही लोकेशन बदलने की कवायद ने काम रोक दिया।

योजना में बदलाव

डीपीआर के अनुसार टिगरिया, नंदा नगर और नाहर सैयद दरगाह के पास एक-एक टंकी तथा रामघाट पर नया फिल्टर प्लांट प्रस्तावित था। नंदा नगर में भूमि विवाद और नए बिजली ग्रिड की वजह से टंकी का निर्माण संभव नहीं हो पाया। अब इसे किला क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है, जहां पहले से मौजूद 45 साल पुरानी टंकी अब जर्जर हालत में है। वर्तमान क्षमता 9 लाख लीटर है, जबकि नई टंकियों की क्षमता 12 से 15 लाख लीटर तक होगी। नई लोकेशन के ड्राइंग-डिजाइन राज्य स्तर पर भेजे गए हैं और स्वीकृति के बाद ही काम आगे बढ़ पाएगा।

फिल्टर प्लांट पर संशय

रामघाट पर पहले से दो फिल्टर प्लांट (13.75 और 15.75 एमएलडी) हैं। तीसरा 16 एमएलडी का प्लांट भी यहां प्रस्तावित था, लेकिन अब इसे पटरी पार इलाके (अलावदाखेड़ी या मेनपुरिया) में बनाने पर विचार किया जा रहा है। इससे जल वितरण दो हिस्सों में बंट जाएगा और संजीत रोड व पटरी पार नई कॉलोनियों में दबाव की समस्या काफी कम होगी। वर्तमान में इन क्षेत्रों तक पानी पहुंचने में समय लगता है और टंकियां देर से भरती हैं।

वर्तमान स्थिति

शहर को रोजाना लगभग 45 एमएलडी पानी की जरूरत है। इसमें से 25 से 28 एमएलडी आपूर्ति फिल्टर प्लांट से और शेष कुओं व बावड़ियों से की जाती है। नगरपालिका का मानना है कि नई टंकियों और फिल्टर प्लांट बनने से पानी की समस्या स्थायी रूप से हल होगी। लेकिन लोकेशन पर अंतिम मुहर न लग पाने के कारण करोड़ों का यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पा रहा।

आगे की उम्मीद

नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि जनसुविधा और तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखकर लोकेशन तय की जा रही है। निर्णय होते ही दीपावली के बाद काम शुरू करने की योजना है। नए साल तक काम पूरा कर लिया जाए तो कम प्रेशर और दूषित पानी की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।