Mandsaur News: सीवेज और अतिक्रमण से भी ज्यादा बड़ी समस्या बने लावारिस कुत्ते
Mandsaur News: शहरों की भीड़, ट्रैफिक और बढ़ते अतिक्रमण के बीच अब एक और समस्या लोगों की दिनचर्या में खलल डाल रही है और वह है आवारा कुत्तों की। 1 जनवरी से 9 मई तक प्रदेशभर में नगर निगम और नगर परिषदों को कुल 202157 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 4,018 शिकायतें आवारा कुत्तों से जुड़ी थीं।
ये शिकायतें सीवेज (1904) और स्थायी अतिक्रमण (2326) की शिकायतों से कहीं अधिक हैं, जिससे साफ है कि ये मुद्दा अब आम जनजीवन की बड़ी समस्या बन चुका है। सबसे ज्यादा कुत्तों की शिकायतें भोपाल (1228), ग्वालियर (693), इंदौर (590), और जबलपुर (512) से आईं। लेकिन इन शिकायतों में समाधान की दर सिर्फ 53.83% रही। यानी आधे से ज्यादा शिकायतें अब तक लंबित हैं। हालांकि सीवेज की शिकायतें आवारा कुत्तों से कम रहीं, फिर भी 1,904 लोगों ने इसकी समस्या को नगरीय निकायों तक पहुंचाया है।
छोटे शहरों की भी समस्या बनते जा रहे लावारिस कुत्ते
अमूमन आवारा कुत्तों की समस्या बड़े शहरों में ही देखी जाती है, लेकिन अब छोटे शहरों में भीइसे लेकर परेशानी बढ़ती जा रही है। उज्जैन में 205, खंडवा में 190, रतलाम में 142 और कटनी में आवारा कुत्तों की 103 शिकायतें की गईं। इसके अलावा देवास में 81, छिंदवाड़ा में 68, रीवा में 65 और सागर में 53 शिकायतें दर्ज हुई हैं।
ग्वालियर में आवारा पशुओं का आतंकः ग्वालियर आवार पशुओं से से परेशान हैं। प्रदेश में कुल 665 में से अकेले ग्वालियर में 163 शिकायतें की गई हैं। इनमें से 79.85% शिकायतों का समाधान हुआ, शेष अभी भी पेंडिंग हैं। भोपाल में आवारा पशुओं से जुड़ी 104, जबलपुर में 74, सागर में 53 और उज्जैन में 44 शिकायतें दर्ज की गई हैं। बारिश के मौसम में यह आंकड़ा कहीं अधिक बढ़ जाता है।
सबसे बड़ी चिंता बनी सफाई व्यवस्थाः प्रदेशभर में 29,675 शिकायतें केवल साफ-सफाई और स्वास्थ्य से जुड़ी रहीं। यह कुल शिकायतों का सबसे बड़ा हिस्सा है। इंदौर, भोपाल और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे जिलों में भी कचरा प्रबंधन को लेकर लगातार असंतोष बढ़ रहा है। भोपाल में 5731, ग्वालियर में 3896, इंदौर में 3029, मुरैना में 1744, खंडवा में 740, देवास में 543 और बुरहानपुर में 343 शिकायतें दर्ज की गईं।
गर्मी के साथ ही पानी की चिंता बढ़ी
गर्मी के साथ ही पानी की चिंता बढ़ने लगी है। प्रदेश में इससे जुड़ी कुल 18586 शिकायतें हुई, जिनमें से 57.11% काही निराकरण हुआ। पेयजल की समस्या को लेकर इंदौर में सबसे ज्यादा 5416 शिकायतें हुई। ग्वालियर में 2504 और भोपाल में 2385 शिकायतें दर्ज हुई हैं। खंडवा में 1006, उज्जैन में 627, देवास में 596, रतलाम में 575 और मुरैना में 310 शिकायतें दर्ज की गई हैं। हालांकि झील संरक्षण से जुड़ी शिकायतें सबसे कम 9 दर्ज की गई हैं।