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मंदसौर की खुल गई किस्मत, हुआ 3812 करोड़ का निवेश, 7 हजार को मिलेगा रोजगार

 

मंदसौर के लिए शनिवार का दिन दोहरी खुशी लेकर आया। सीतामऊ में प्रदेश के पहले कृषि उद्योग समागम में मुख्यमंत्री ने 3812 करोड़ के निवेश प्रस्ताव वाली 11 औद्योगिक इकाइयों के निर्माण की आधारशिला रखी। इनकी स्थापना से 7 हजार को रोजगार मिलेगा। ये इकाइयां सीतामऊ और गरोठ में लगेंगी। 

इनमें से कुछ प्रस्ताव 24 व 25 फरवरी को भोपाल की ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (जीआइएस-2025) में मिले थे, जबकि कुछ प्रस्ताव उद्योग समागम में मिले। इससे पहले मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों-किसानों से संवाद किया। उन्होंने भरोसा दिया कि निवेशकों व किसानों के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं, आगे भी खुले रहेंगे। लोगों के जीवन को बेहतर बनाना सरकार की जवाबदेही है, इसके लिए हम हर स्तर पर काम कर रहे हैं।

इस अवसर पर उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा-कृषि के साथ उद्यानिकी के क्षेत्र में नवीन उन्नत तकनीकी, अच्छी गुणवत्ता के बीज का प्रयोग करके उत्पादन को बढ़ावा देंगे। इस मौके पर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने भी सहभागिता की और किसान, उद्योगपतियों से कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश करने का यही, सही समय है। उन्होंने प्रदेश को निवेश फ्रेंडली बताया। इस दौरान डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा भी मौजूद रहे।

जो भी हो, लेकिन जमीन मत बेचना

नरवाई जलाने की घटनाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी कराई है, जिसे देखते हुए सरकार किसानों को लगातार समझाइश दे रही है। सीएम ने कहा, फसल के बाद बचे अवशेष में आग लगाने से खेत की उर्वरा शक्ति कम होती है। इस स्थिति के निराकरण के लिए मशीनें उपलब्ध कराई जा रही है और उन पर अनुदान की व्यवस्था भी है, उन्होंने किसानों से जमीनें नहीं बेचने की अपील भी की। जरूरत पढ़े तो मकान गिरवी रख देना, कर्ज ले लेना लेकिन जमीन बेचने के बजाए उसे बचाना यह आमदानी बढ़ाएगी। यह बाप दादाओं की दी हुई धरोहर है, इसे बचाना।

स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग का भरोसा

प्रदेश में संतरा, केला सहित कई उत्पाद बड़ी मात्रा में होते हैं। पहले से इनकी ब्रांडिंग हो रही है। प्रदेश का संतरा तो नाम से ही बिकता है। केले की भी अच्छी खासी मांग है। मसालों के खरीदार तो दूसरे प्रदेशों से आते हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिया कि ऐसे सभी उत्पादों की सरकार खुद के स्तर पर ब्रांडिंग करेगी।