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मंदसौर का गांधीसागर अभयारण्य अब भारत में जन्में चीतों का होगा घर

मंदसौर का गांधीसागर अभयारण्य अब भारत में जन्में चीतों का होगा घर
 

मंदसौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर में ​स्थित गांधीसागर अभयारण्य में अब भारत में ही जन्में चीतों का घर होगा। 20 अप्रैल को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कूनो नेशनल पार्क में जन्में दोनों चीतों को गांधीसागर अभयारण्य में बने बाड़ों में छोड़ेंगे। वन विभाग ने इसकी जानकारी देते हुए सभी तैयारियां कर ली हैं। अभयारण्य में इन चीतों के लिए बड़े बाड़े और क्वारंटाइन बाड़े बनाए गए हैं। प्राकृतिक वातावरण के बीच बने बाड़े बहुत ही सुंदर हैं। इसके अलावा इनके किनारे पर गांधीसागर जलाशय भी है। यहां पर चीतों के भोजन के लिए 1250 हिरण और चीतल छोड़ने का भी लक्ष्य रखा गया है। 


फिलहाल इस अभयारण्य में दो ही चीते छोड़ने की योजना है। यहां पर केवल देश में ही पैदा हुए चीते छोड़े जाएंगे। विदेश से चीते नहीं लाए जाएंगे। बरसात के बाद विदेशी चीते आने की संभावना है। उसके बाद इनकी संख्या बढ़ जाएगी। पूरे देश में कूनो के बाद गांधीसागर अभयारण्य चीतों के दूसरे घर में रूप में पहचाना जाएगा। सात सदस्यीय हाइपॉवर कमेटी के निरीक्षण के बाद यह तय हो गया कि भारत की धरती पर जन्म लेने वाले चीतों से ही गांधीसागर आबाद होगा। 


कूनो नेशनल पार्क में जन्मे हैं दो चीते
कूनो नेशनल पार्क में दो चीतों का जन्म हुआ है। दोनों ही नर चीतें हैं। इनको 20 अप्रैल को मुख्यमंत्री यहां पर छोड़ेंगे। इसके लिए वन विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंदसौर के जिला वन अ​धिकारी संजय रायखेरे ने बताया कि यहां पर 6400 हेक्टेयर में चीतों के लिए बड़े बाड़े बनाए गए हैं। इनमें आठ क्वारंटाइन बाड़े भी हैं। शुरुआत में इन दोनों चीतों को क्वारंटीन बाड़ों में ही रखा जाएगा। उसके बाद धीरे-धीरे इनको बाहर निकाला जाएगा। 


चीतों के लिए बनाया गया गांधीसागर अभयारण्य पूरी तरह अनुकूल
पिछले दिनों केंद्र सरकार की सात सदस्यीय हाईपॉवर कमेटी ने यहां निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने दिल्ली में वन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में बताया गया कि गांधीसागर अभयारण्य चीतों के लिए पूरी तरह से अनुकूल है। इसके बाद ही केंद्र सरकार ने कूनो से यहां चीते भेजने का निर्णय लिया है। इस टीम ने यहां बनाए गए बाड़े, क्वारंटाइन बाड़ों, हाइमास्ट कैमरा, जलस्रोत समेत सभी प्रकार की तैयारियों का जायजा लिया था। 


1250 चीतल और हिरणों को छोड़ा जाएगा
इस गांधीसागर अभयारण्य में 1250 चीतल औ हिरणाें के छोड़ा जाएगा ताकि चीतों को भोजन की कमी नहीं रहे। चीता बड़े जंगली जानवरों का ​शिकार नहीं कर सकता। अभी तक यहां पर 472 हिरण और चीतल छोड़े गए हैं। यह चीतल और हिरण भोपाल के वन विहार, नरसिंहगढ़ सेंचुरी और कान्हा टाइगर सफारी से लाए जा रहे हैं।