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बद्रीविशाल मंदिर की दुकानों पर कब्जे की कार्रवाई में देरी, नई एसडीएम ने कहा – फाइल देखकर ही होगी कार्रवाई

 

Mandsaur News: नगर में बद्रीविशाल मंदिर से जुड़ी संपत्तियों पर प्रशासन की कार्रवाई अपेक्षित गति से नहीं हो पा रही है। अब तक केवल कृषि भूमि पर ही कब्जे की प्रक्रिया पूरी की जा सकी है। मंदिर से जुड़ी 57 दुकानों को कब्जे में लेने की कार्रवाई स्थगित है, क्योंकि पहले की एसडीएम का तबादला हो गया था। नवागत एसडीएम ने कहा है कि मामले की फाइल देखकर ही आगे की कार्रवाई का निर्णय लेंगी।

मंदिर की संपत्ति पर लंबे समय से विभिन्न लोगों की नजर थी। आरोप है कि कुछ भूमाफियाओं ने कृषि भूमि को बेचकर मंदिर के नाम पर कॉलोनियां बना दी थीं। इसके चलते प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। मंदिर की संपत्तियों को ट्रस्ट के माध्यम से नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन शिकायतों के बाद प्रशासन ने ट्रस्ट को फर्जी करार देते हुए उसे भंग कर दिया और रिकॉर्ड को अपने कब्जे में ले लिया।

पूर्व एसडीएम ने 57 दुकानों के संबंध में नीति निर्धारण के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा था, लेकिन पांच महीने बीतने के बाद भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इस दौरान कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें बेच दीं, जबकि अन्य ने दुकानों पर मकान निर्माण शुरू कर दिया। इस देरी के पीछे सत्ता पक्ष और भूमाफियाओं के दबाव की बातें भी सामने आ रही हैं। तहसीलदार ने बताया कि नई एसडीएम को मामले की जानकारी दे दी गई है और जल्द ही कलेक्टर से मार्गदर्शन लेकर कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व एसडीएम ने मंदिर की संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए 11 सदस्यीय दल का गठन किया था। लेकिन पटवारियों के तबादले और अन्य प्रशासनिक कारणों से कार्रवाई धीमी पड़ गई। अब एसडीएम का स्थानांतरण उज्जैन हो जाने के कारण यह प्रक्रिया रुक गई।

स्थानीय लोगों ने भी भूमि बेचने के मामले में हंगामा किया और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। नई एसडीएम ने स्पष्ट किया है कि वह मामले की फाइल देखकर ही अगले कदम तय करेंगी।

नगर में स्थित बद्रीविशाल मंदिर की संपत्तियों और दुकानों पर अब प्रशासन की निगाहें टिकी हुई हैं, और जनता को उम्मीद है कि जल्द ही इस लंबित मामले में ठोस कार्रवाई की जाएगी।