Mandsaur News: मंदसौर में बैंक बांट रहे हैं हर दिन करीब 10 करोड़ रुपए, किसानों की लगी लंबी-लंबी लाइनें
Mandsaur News: मंदसौर में इन दोनों हर बैंक में आपको किसने की लंबी-लंबी लाइनें दिखाई दे जाएगी। जिले में बैंकों द्वारा प्रतिदिन लगभग 10 करोड़ रुपए की राशि बांटने के बाद भी मांग पूरी नहीं हो रही है। आपको बता दें कि जिले में केसीसी ऋण का वितरण किया जा रहा है। बाहर से कैश कम आने के चलते किसान परेशान भी हो रहे हैं। प्रतिदिन 10 करोड़ से ज्यादा का ऋण वितरित करने के बावजूद भी बैंकों में कतारें लग रही हैं। इसका कारण है कि किसानों को अधिक राशि चाहिए व मिल कम रही है। कई किसानों को खाली हाथ भी लौटना पड़ रहा है।
सहकारी बैंक के अनुसार जिले की 20 ब्रांच में प्रतिदिन कैश पहुंचा रहे हैं। ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। गेहूं की राशि लेने भी किसान बैंक पहुंच रहे हैं। शनिवार को जिला सहकारी बैंक की सभी शाखाओं में किसानों की भीड़ लगी रही। इस बार केसीसी का ऋण भी देरी से मिलना प्रारंभ हुआ। धारिया खेड़ी के किसान शिव सिंह ने बताया कि केसीसी में एक बीघा पर 10 हजार ही मिल रहे हैं।
जबकि 50 हजार रुपए तक तो मिलने चाहिए। खेती किसानी में लागत लगातार बढ़ती जा रही है। किसान विष्णु सिंह ने बताया कि सरकार ने 3 से 5 लाख केसीसी की है लेकिन अभी उतने रुपए नहीं मिल रहे। बता दें कि जिले में जिला सहकारी बैंक की करीब 20 शाखाएं हैं। जहां पर किसान अभी नई आबादी स्थित जिला सहकारी बैंक में किसान खरीफ का ऋण लेने पहुंच रहे हैं। इस बार 1 लाख 19 हजार किसानों को 535 करोड़ रुपए का लोन वितरित किया जाना है। ताकि किसान उसका खर्च चला सकें। अभी तक करीब 30 हजार किसानों को करीब 135 करोड़ का ऋण बांटा जा चुका है।
प्रतिदिन पहुंचा रहे राशि, किसानों को जल्द वितरित होगा ऋण
जिला सहकारी बैंक के प्रभारी सीईओ सुनील कच्छारा ने बताया कि 20 शाखाओं से प्रतिदिन 50 लाख से 1 करोड़ तक का ऋण वितरित कर रहे हैं। जितना कैश आता जा रहा है। उतना पहुंचाते जा रहे हैं। जो भी समस्या आ रही है, उसका भी हल निकाल रहे हैं। बैंकों में किसानों को ऋण देने हेतु जैसे-जैसे पैसा आ रहा है पैसे वैसे इसे किसानों को दिया जा रहा है।
सीतामऊ नगर में किसानों को अब तक नहीं मिला केसीसी ऋण
सीतामऊ नगर में किसानों को 20 अप्रैल तक भी केसीसी ऋण नहीं मिला। इससे किसान परेशान हैं। सीतामऊ सोसायटी के करीब 1000 खातेदार हैं। सभी इंतजार में हैं कि रुपए कब खाते में आएंगे। किसान खेत की जुताई, खाद और बीज की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। 15 जून से बारिश शुरू हो जाती है। किसान चिंतित हैं। कुछ किसानों ने जल्दी ऋण चुकाने के लिए फसल सस्ते दामों में बेच दी। कुछ ने 8-10 दिन के लिए उधार लेकर रुपए जमा किए। अब उनकी साख भी खराब हो रही है।
किसान बार-बार बैंक जा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि रुपए खाते में क्यों नहीं आए ?
जिले में किसान बार-बार बैंक जाकर बैंक कर्मचारियों से खाते में केसीसी ऋण के रुपए ना आने का कारण पूछ रहे हैं। जिस पर
सोसायटी कर्मचारियों का कहना है कि सूची बैंक को भेज दी गई है। सॉफ्टवेयर में दिक्कत है। लेकिन असल वजह यह है कि रुपए ही नहीं हैं। जिला सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक अशोक गर्ग ने बताया कि बैंक का काम पूरा हो चुका है। भोपाल से स्वीकृति नहीं आई है। स्वीकृति मिलते ही खाते में रुपए डाल दिए जाएंगे। किसान मान कुंवर, पवन शर्मा, मोहनलाल चौधरी और राधेश्याम भंभोरिया ने बताया कि खेत तैयार करने हैं। खाद डालनी है। बीज खरीदना है। 1 जून के बाद कभी भी मानसून आ सकता है।