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Mandsaur: मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर की सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं, 3 माह बाद भी ठेके की प्रक्रिया अधूरी

मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर की सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं, 3 माह बाद भी ठेके की प्रक्रिया अधूरी
 

Mandsaur: मंदसौर शहर स्थित विश्वप्रसिद्ध अष्टमुखी भगवान श्री पशुपतिनाथ मंदिर में 3 महीने पहले शुरू हुई सुरक्षा ठेके की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है। इस बीच नियम विरुद्ध चहेती फर्म को लाभ पहुंचाने के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि 10 फीसदी सर्विस चार्ज का नियम होने के बावजूद इससे कई गुना कम चार्ज डालने वाली विवादित सुरक्षा कंपनियां भी ठेके लेने की दौड़ में हैं। इनको एल-1 व एल-2 श्रेणी में रखा गया है। मामले में विधायक का कहना है कि किसी भी हालत में गलत प्रक्रिया नहीं होने देंगे।

प्रशासन नहीं है व्यवस्था को लेकर गंभीर

पशुपतिनाथ मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है। पूर्व में विवादित रही सुरक्षा कंपनी से तय समय के बजाय दोगुना अवधि तक काम कराया। शिकायतों के बाद कलेक्टर ने सख्ती की तो अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया शुरू की। अब इसमें भी चहेती फर्म को लाभ पहुंचाने के प्रयास शुरू हो गए।

कलेक्टर अदिति गर्ग के स्पष्ट निर्देश है कि सुरक्षा एजेंसियों के टेंडर में वित्तीय विभाग के नियमों का पालन होना चाहिए। इसी कारण कलेक्टर ने जिला अस्पताल में जीरो सर्विस चार्ज वाले टेंडर को निरस्त कर दिया था। बावजूद अधीनस्थ अधिकारी 10 फीसदी सर्विस चार्ज से कम वाली कंपनियों को ठेका देने पर आमादा है। जबकि पशुपतिनाथ मंदिर की बैठकों में सांसद विधायक प्रतिनिधि इस विषय पर आपत्ति दर्ज करा चुके हैं।

मामले में विधायक विपिन जैन का कहना है कि किसी भी स्थिति में नियम विरुद्ध प्रक्रिया नहीं होने देंगे। गलत हुआ तो वरिष्ठ स्तर पर शिकायत करेंगे। इधर, डिप्टी कलेक्टर रविंद्र परमार ने बताया कि प्रक्रिया नियमानुसार होगी और जल्द ही पूरी कर दी जाएगी