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Mandsaur News: 11 करोड़ से बनेगी 3 बाय 3 की पिट,4 हजार 800 कुओं को बारिश के पानी से रिचार्ज की योजना

 

Mandsaur News: बारिश का पानी इधर-उधर बह जाने से सीधे जमीन में नहीं पहुंच पाता है। इसके चलते न तो कुएं रिचार्ज हो पाते हैं न ही अन्य जल स्रोत। इससे किसानों व ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत मंदसौर जिले में 4 हजार 800 कुओं को बारिश के पानी से रिचार्ज किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन ने योजना बनाकर लगभग 50 फीसदी कुओं पर कार्य भी शुरू कर दिया है। पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा योजना से यह कार्य शुरू किया है।

अब तक 2 हजार 500 से अधिक कुओं के पास कूप रिचार्ज पिट बनना शुरू हो गए हैं। इस पर करीब 11 करोड़ 52 लाख रुपए का खर्च आएगा। रिचार्ज पिट बनाने से भू-जल स्तर बढ़ेगा। किसानों को सिंचाई और पीने के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। 30 मार्च से शुरू हुआ जल गंगा संवर्धन अभियान जिले में लगातार चल रहा है। यह 30 जून तक चलेगा। अभियान का उद्देश्य बारिश के पानी को सहेजना और पुराने जल स्रोतों का जीर्णोद्धार करना है। जिले में डगवेल रिचार्ज विधि से कूप रिचार्ज पिट बनाए जा रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार इन पिटों को बनाने में किसान भी जागरूकता दिखा रहे हैं। कूप रिचार्ज पिट बनाने के लिए कुएं से 3 से 6 मीटर की दूरी पर 3 मीटर लंबा, 3 मीटर चौड़ा और 8 मीटर गहरा गड्डा खोदा जा रहा है। इसमें पत्थर और मोटी रेत की परत डाली जा रही हैं। गड्ढे में 8 इंच का पाइप डालकर उसे कुएं से जोड़ा जा रहा है। पाइप के छोर पर एल्बो लगाकर 1 फीट का पाइप नीचे की ओर लगाया जा रहा है। इसके बाद पाइप लाइन के जरिए पानी कुएं तक पहुंचाया जाएगा। अभियान के तहत खेत-तालाब, चेक डैम, अमृत सरोवर जैसे जल संरक्षण कार्य भी किए जा रहे हैं। इससे जल स्रोतों को नया जीवन मिलेगा। गर्मियों में कुएं सूखने की संभावना भी कम होगी।


एक रिचार्ज पिट बनाने में 24 हजार रुपए का खर्च आएगा


मनरेगा अधिकारियों के अनुसार 1 रिचार्ज पिट बनाने में करीब 24 हजार का खर्च आ रहा है। जिलेभर में 4 हजार 800 कुओं की रिचार्ज पिट बनाने में करीब 11 करोड़ 52 लाख का खर्च आएगा। इसमें 50 फीसदी सामग्री व 50 फीसदी मजदूरी पर खर्च की जाएगी। मनरेगा के तहत पात्र लोगों को रोजगार दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि बारिश का पानी जमीन में समाकर भूजल स्तर को बढ़ाता है। इससे कुएं, हैंडपंप और बोरवेल लंबे समय तक पानी देते हैं। रिचार्ज पिट बारिश के पानी को बहने से रोकता है। यह पानी को प्राकृतिक रूप से जमीन में पहुंचाता है। सूखा प्रभावित इलाकों में यह तरीका राहत देता है। इससे सालभर पानी की उपलब्धता बनी रहती है। रिचार्ज पिट भूजल को साफ और पीने योग्य बनाता है। यह मिट्टी के कटाव को भी रोकता है। बारिश का पानी जमीन में समाकर भूमि क्षरण से बचाता है।