Mandsaur news:मंदसौर शहर में पशुपतिनाथ मंदिर में 25 देशों की करेंसी का चढ़ावा 17 साल से नहीं हो पाया एक्सचेंज
Mandsaur news: अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में हर तीसरे माह चढ़ावा राशि की गणना की जाती है। इसमें हर बार 4 से 5 देशों के नोट-सिक्के निकलते हैं। पिछले 4 दशकों में 25 देशों की करेंसी दान पेटियों से निकली है। जिम्मेदार बरसों बाद भी विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा में कनवर्ट कराने के नतीजे तक नहीं पहुंच पाए।
मंदिर समिति के मैनेजर राहुल रुनवाल का कहना है कि एसबीआई की इंदौर ब्रांच में बात हुई। यूं तो मंदिर परिसर में भगवान पशुपतिनाथ की अष्टमुखी प्रतिमा को विराजित हुए लगभग 6 दशक हो चुके हैं। चढ़ावे की विदेशी मुद्रा को भारतीय मुद्रा में बदलने की 2 कोशिशें नाकाम रहीं। 2008 में तत्कालीन कलेक्टर डॉ. जीके सारस्वत ने और 2023 में दिलीपकुमार यादव ने प्रयास किए लेकिन नहीं हो सकी।
रूनवाल ने बताया कि जिले में कोई भी बैंक विदेशी करेंसी एक्सचेंज नहीं करता है। पहले प्रयास किए तो पता चला था कि इंदौर की एसबीआई एक्सचेंज करती है लेकिन उसके दायरे में 8-10 देशों की करेंसी आती है। जबकि हमारे यहां दान पात्र में 25 देशों की करेंसी निकलती है। प्राइवेट के बजाय सरकारी बैंक को प्राथमिकता देंगे। एसडीएम व मंदिर समिति सचिव एसएल शाक्य का कहना है मामले में प्रशासनिक स्तर पर भी चर्चा करेंगे।
दानपेटियों से निकली करेंसी
17 दिसंबर 2024 : 26 लाख 7 हजार 977 रुपए का चढ़ावा मिला। अमेरिका का 1 डॉलर, 10 यूरो, नेपाल के 530 रुपए, 14 विदेशी सिक्के मिलें।
7 फरवरी 2025: 22 लाख 79 हजार 825 रुपए दानपेटियों से निकले। विदेशी मुद्रा में नेपाल के 2 नोट, मलेशिया का 1 नोट मिला।
17 अप्रैल 2025 : 26 लाख 14 हजार 735 रुपए की दानराशि निकली। विदेशी मुद्रा में यूएई के 25 डॉलर, अरब अमीरात के 5 दिरहम निकले।