Mandsaur news: अब कब्जा हटने पर ही शुरू होगा रूट जोन ट्रीटमेंट का काम, शिवना शुद्धिकरण पर खर्चे 17 करोड़ः
Mandsaur news: शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट में अब तक करीब 17 करोड़ की राशि खर्च कर दी गई है बावजूद हालात जस के तस हैं। लाइन डालने के बाद आखिर में जब रूट जोन ट्रीटमेंट बनाने की बारी आई तो विभाग को पर्याप्त जगह ही नहीं मिल पा रही है। नदी के किनारे जिस जगह यह रूट जोन ट्रीटमेंट बनाया जाएगा, फिलहाल वहां पर कई इंट के भट्टे हैं। इन सभी को भट्टों को हटाना पड़ेगा तब जाकर काम शुरू होगा लेकिन राजस्व विभाग से पत्राचार के बाद भी इनकी शिफ्टिंग नहीं हो पाई है। इससे काम अटका पड़ा है। मानसून की आमद महीनेभर में होने को है। ऐसे में प्रोजेक्ट का काम बारिश के चलते पूरा ही नहीं हो सकेगा।
अब शिवना शुद्ध होने की उम्मीद बारिश सीजन के बाद ही की जा सकेगी। दो साल से 29 करोड़ रुपए से शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट का काम जारी है। शिवना नदी को दूषित करने वाले शहर के प्रमुख नालों को लाइन से जोड़कर करीब साढ़े 3 किमी से ज्यादा की लाइन डाली चुकी है लेकिन मुक्तिधाम के समीप करीब 200 मीटर की लाइन अब तक नहीं डाल पाए है।
इसके पीछे कारण पथरीली जमीन का होना है। विभाग का कहना है कि इसके लिए मशक्कत जारी है। इधर मुक्तिधाम से लेकर पशुपतिनाथ मंदिर के आगे तक 6 घाट का निर्माण भी किया है। अब इसके बीच में ग्रीन एरिया को डेवलप करने की तैयारी है। चैंबर व अन्य निर्माण भी किए गए है। इन सभी में अब तक प्रोजेक्ट की 60 फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है।
पौधों के सहारे प्राकृतिक तरीके से पानी को करेंगे शुद्ध प्रोजेक्ट के अंतर्गत पूर्व में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना प्रस्तावित था लेकिन नपा के सीवरेज प्रोजेक्ट में भी प्लांट शामिल होने के चलते संशोधन किया गया। इसके मुताबिक नपा के सीवरेज प्रोजेक्ट में जो प्लांट बनेगा, वह शिवना के शुद्धिकरण में भी सहायक होगा इसके चलते जब तक ये ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बने, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। इसके अंतर्गत रूट जोन ट्रीटमेंट से पानी साफ किया जाएगा। इसमें नालों के पानी को एक टैंक में छोड़ेंगे। जहां पर चुनिंदा पौधों को लगाया जाएगा। इनकी सहायता से गंदगी अवशोषित हो जाएगी और साफ पानी को नदी में छोड़ दिया जाएगा।
शिफ्टिंग के लिए पत्राचार हो चुका
# ईंट-भट्टों की शिफ्टिंग के लिए पत्राचार हो चुका है, जल्दी ही प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। इसके बाद रूट जोन ट्रीटमेंट का काम शुरू कर देंगे। वित्तीय प्रगति करीब 60 फीसदी है। बारिश सीजन शुरू होने से पहले लगभग सभी काम पूरे करने के प्रयास है।
बबीता सोनकर, डीपीई, पीआईयू विभाग