युवा कुंभ के जरिए युवाओं को किया जाएगा रोजगारपरक शिक्षा के लिए प्रोत्साहित
युवाओं को उच्च शिक्षा देने, वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करने तथा नवाचार से जोड़ने के लिए सरकार हमेशा प्रयास करती रही है और कर रही है। प्रदेश में अब युवा कुंभ का आयोजन करके युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा दी जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ज्ञान महाकुंभ के वार्षिक आयोजन की घोषणा करते हुए कही।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से युवाओं को मार्गदर्शन देने का बहुत अच्छा माध्यम मिलता है। उन्होंने उच्च शिक्षा समिति की बैठक में शिक्षा व्यवस्था को रोजगारपरक, शोधोन्मुखी और नवाचार आधारित बनाने पर जोर देते हुए कहा कि युवाओं को इस प्रकार के कार्यक्रमों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। इसमें अधिक से अधिक युवाओं को भाग लेना चाहिए। इस प्रकार के आयोजन से युवाओं को मार्गदर्शन मिलता है। उनको जीवन में आगे क्या करना है और कैसे करना, इस बारे में जानकारी मिलती है। विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में विद्यार्थियों की समझ को बेहतर करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का एक साल में कम से कम एक बार आयोजन जरूरी है। ऐसे आयोजनों में वरिष्ठ वैज्ञानिकों को बुलाकर उनका संवाद विद्यार्थियों से करवाना जरूरी होता है। इससे युवाओं में सीखने की ललक पैदा होती है।
प्रतियोगिताएं करवाने पर जोर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हर क्षेत्र में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएं ताकि युवाओं को वैश्विक नवाचारों से अवगत करवाया जा सके। उन्होंने सभी राजकीय कॉलेजों की राज्य स्तरीय ग्रेडिंग करने और तीन श्रेणियों में इसे विभाजित करने को कहा। इसके लिए सर्वश्रेष्ठ महाविद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा एवं शोध कार्यों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने महाविद्यालयों में शोध कार्यों को बढ़ाने के भी निर्देश दिए। हर महाविद्यालय में शेध केंद्र स्थापित करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात 28.9 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है, इस पर उनको गर्व है।
बीएससी एग्रीकल्चर सभी कॉलेजों में शुरू हो
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बात पर जोर दिया कि सभी महाविद्यालयों में बीएससी एग्रीकल्चर का पाठ्यक्रम शुरू किया जाए। इससे अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ा जाना चाहिए। कृषि और उससे जुड़े उद्योगों में युवाओं की रुचि बढ़े, इसके लिए मध्यप्रदेश को मॉडल स्टेट बनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश के 55 जिलों में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस कार्यक्रम चल रहे हैं। इन सभी में रोजगार आधारित पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। महाविद्यालयों को दो शिफ्टों में लगतार जारी रखना चाहिए। सेमेस्टर सिस्टम भी जारी रखा जाना चाहिए। इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहे।