बारिश की कमी से सोयाबीन पर यलो मोजेक का खतरा, उत्पादन घटने की आशंका
Burhanpur News: फोफनार क्षेत्र में पिछले 11 दिनों से बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। खेतों में नमी की कमी के कारण सोयाबीन, मक्का, तुअर और कपास जैसी फसलें प्रभावित हो रही हैं। किसानों का कहना है कि अगर दो-तीन दिन में बारिश नहीं हुई, तो कीट और बीमारियों का खतरा और बढ़ जाएगा।
अंबाड़ा के किसान अशोक पाटील ने बताया कि सोयाबीन की फसल पर यलो मोजेक का प्रकोप तेजी से फैल सकता है। जून के आखिरी सप्ताह और जुलाई की शुरुआत में बोवनी का कार्य पूरा हो गया था, लेकिन अब पौधे मुरझाने लगे हैं। खेतों के कुएं और तालाब सूख चुके हैं। इससे खरीफ के बाद रबी की फसल लगाना भी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि रबी की सिंचाई इन्हीं स्रोतों से होती है।
कृषि विज्ञान केंद्र की टीम ने अंबाड़ा क्षेत्र के खेतों का दौरा कर फसलों की स्थिति देखी। टीम में डॉ. संदीप कुमार सिंह और डॉ. कार्तिकय सिंह शामिल थे। उन्होंने बताया कि मक्का की फसल पर आर्मी वर्म का हमला शुरू हो चुका है। वैज्ञानिकों ने बचाव के लिए तीन चरणों में छिड़काव करने की सलाह दी है।
पहले चरण में प्रोफेनोफॉस और साइपरमेथ्रिन, दूसरे में एममेक्टिन और तीसरे में अली का उपयोग किया जाए।साथ ही किसानों को खेतों में निराई-गुड़ाई के लिए बखर, कुलपा और खुरपा चलाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि फसलों की स्थिति कुछ हद तक संभाली जा सके।