समूह की ताकत से महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर, शुरू किया दूध, मसाले और पॉलीहाउस का व्यवसाय
Chhatarpur News: सिरोंज गांव की रानी यादव अब आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। पहले उनके पति रामनरेश यादव फोटोग्राफी और दूध बेचने का काम करते थे, लेकिन आमदनी कम होने से परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। एक दिन गांव की महिलाओं से बातचीत के दौरान रानी को आजीविका मिशन और महिला समूह से जुड़ने की जानकारी मिली। उन्होंने सीआरपी, बैंक सखी और सिलाई का प्रशिक्षण लिया, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा।
इसके बाद रानी ने पति के दूध व्यवसाय में मदद शुरू की और नए ग्राहक जोड़ने के लिए गांव के बाहर तक संपर्क किया। उन्होंने समूह से 1000 रुपए आरएफ, 10000 रुपए सीआईएफ और 3 लाख रुपए का बैंक लोन लेकर व्यवसाय को विस्तार दिया। साथ ही खेती में भी नई तकनीकों का प्रयोग कर उत्पादन बढ़ाया। अब रानी हर महीने 10 से 15 हजार रुपए तक की आय कर रही हैं।
इसी तरह पन्ना जिले के अहिरगुवां गांव की 12 महिलाएं वैष्णव माता स्वसहायता समूह से जुड़कर पॉलीहाउस, मसाला चक्की, सब्जी उत्पादन, किराना दुकान और बैंक कियोस्क जैसे काम कर रही हैं। समूह अध्यक्ष कृष्णा बर्मन ने बताया कि उन्होंने 2016 में किराना दुकान शुरू की और अब पॉलीहाउस में पपीता उत्पादन भी कर रही हैं। अन्य महिलाएं भी हर महीने 8 से 10 हजार रुपए की बचत कर रही हैं और परिवार की आय में योगदान दे रही हैं।