Damoh News: सागर रोड पर स्थित एक कॉलोनाइजर (रुद्राक्ष कॉलोनी) ने नक्शा में मौजूद नाला मौके से गायब कर दिया है। उसे मिट्टी और मुरम से ढककर कब्जा कर लिया, अब उसे रिकॉर्ड से खत्म अधिकारियों के सामने आवेदन दिया है।
पिछले दो साल से मामले की फाइल कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार के बीच चक्कर लगा रही है। अफसरों ने अभी तक जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि बारिश से पहले नाला को अतिक्रमणकारियों से मुक्त नहीं कराया है। उल्टा नाला की जगह बदलने की स्वीकृति और नक्शा में बदलाव करने की अनुमति देने की तैयारी में हैं।
यहीं कारण है कि पिछले डेढ़ साल से मामला लंबित है और अफसर मामले में कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं। सवाल यह है कि जिला प्रशासन ने शहर के नालों की सफाई करराई, अतिक्रमण मुक्त कराए, लेकिन इस नाला को नहीं छेड़ा। जबकि कॉलोनाइजर ने नाला का रास्ता बदला है।
नक्शे में नाला है, जो रातोंरात खत्म कर दिया
इससे पहले कॉलोनाइजर ने 2023 में नाला के आसपास दो हिस्सों में जमीन खरीदी थी। जब रिकॉर्ड में नाला था, लेकिन बाद में रातों मुरम और मिट्टी डालकर उसे खत्म कर दिया। जबकि टाउन एंड कंट्री के नक्शा में नाला मौके पर ही है। कॉलोनाइजर ने प्राकृतिक नाला का रास्ता ही बदल दिया। इस मामले में कोई प्रकरण नहीं बनाया।
अधिकारियों ने टीम ने नोटिस देकर जवाब तक नहीं मांगा। उल्टा कॉलोनाइजर का आवेदन लेकर उसमें सुधार की प्रक्रिया चालू कर दी। हालांकि कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लिया और उन्होंने नक्शा में परिवर्तन करने से पहले एसडीएम, तहसीलदार से जवाब मांगा।
फिलहाल मामले में कलेक्टर सुनवाई कर रहे हैं। वे अभी तक तीन बार आवेदन में खामी बताकर उसे वापस कर चुके हैं, लेकिन खामी की पूर्ति करने के लिए बार-बार प्रकरण कलेक्टर की कोर्ट में पेश किया जा रहा है।
सवाल : पानी की निकासी कैसे होगी
नालों की सफाई कर दी गई। पानी की निकासी का रास्ता बनाया है, मगर इस नाले को लेकर कलेक्टर ने कोई निर्णय नहीं लिया। जबकि नाले को मनमाने तरीके से यहां वहां मोड़ने के कारण अब इसका पानी आसपास के इलाकों में भरने लगेगा। जिन जगहों पर नाले के बहाव को मोड़ देने की कोशिश की गई, वहां पर मिट्टी का कटाव आरंभ होगा। नाला मोड़ने से आसपास के किसानों के खेतों के लिए खतरा पैदा हो गया है, जो पहले सुरक्षित थे। पानी के कारण उनकी फसलें पानी भराव से खराब होगीं।
5 बिंदुओं की जानकारी नहीं मिली है
मेरी कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई चल रही थी। मैंने मूलतः फाइल लौटाई थी। उसमें अभी तक पांच बिंदुओं की जानकारी नहीं मिली है। यदि नियम नहीं है तो नाला का नक्शा में परिवर्तन नहीं होगा। तहसीलदार से इसकी जानकारी मंगवाता हूं। - सुधीर कुमार कोचर, कलेक्टर दमोह
कलेक्टर ने खामी बताकर फाइल एसडीएम को लौटाई थी
दरअसल सागर नाका पर आवेदक ऋषिकांत जैन ने यह जमीन 26 नवंबर 2023 को खरीदी थी। उसके बाद यहां पर नाला का बदलाव हुआ है। कलेक्टर मामले की सुनवाई के दौरान आखिरी बार 18 दिसंबर को फाइल वापस एसडीएम के पास फाइल भेजी थी। इस दौरान कलेक्टर ने नक्शा में सुधार करने पांच बिंदुओं में जानकारी मांगी थी।
जिसमें उन्होंने बताया था कि नाला से सटे दोनों ओर के खसरों की स्थिति अस्पष्ट है। री-नंबरिंग (खसरा पुनः क्रमांकन) और पांचसाला रिकॉर्ड की विसंगतियां हैं। 1985-86 की री-नंबरिंग सूची में खसरा नंबर 25 से 42 (4.06 हेक्टेयर) और 44 (0.76 हेक्टेयर) में दर्ज है। मगर हस्तलिखित पांचसाला खसरा (1989-90 से 1992-93) में 25/2 में 2.89 हेक्टेयर भूमि दर्ज है। यह विसंगति स्थिति को संदिग्ध बनाती है।
इसी तरह खसरा वर्ष 1980-81 से 1994-95 तक के खसरा नंबर 25 के समस्त बटांक की सत्यापित प्रतियां मांगी गईं थीं, ताकि पुराने रिकॉर्ड से स्थिति स्पष्ट हो सके, लेकिन यह उपलब्ध नहीं कराई गई। इसी तरह एसडीएम से सवाल भी फाइल में किया है कि भूमि की प्रकृति (मद पानी) और नोईयत (उपयोगी जगह बदलने ) परिवर्तन की वैधता है और यदि है तो इसका कानूनी आधार (नियम/धाराएं कलेक्टर ने मांगी थीं। फिलहाल यह फाइल तहसीलदार रॉबिन जैन के पास लंबित हैं। 15 जनवरी को एसडीएम आरएल बागरी ने यह प्रकरण तहसीलदार के पास मूलतः वापस भेजा था।

                                                
