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नर्मदा में जलस्तर बढ़ा, इंदिरा सागर के 12 गेट खुले, ओंकारेश्वर में घाट डूबे

 

Burhanpur News: नर्मदा नदी के ऊपरी इलाकों में हो रही लगातार बारिश और तवा व बरगी बांध से छोड़े जा रहे पानी के कारण इंदिरा सागर बांध का स्तर तेजी से बढ़ गया। बुधवार शाम को बांध प्रबंधन ने 12 गेट खोलकर करीब 8720 क्यूमेक्स पानी नदी में छोड़ा। इसके साथ ही पावर हाउस से भी लगातार बिजली उत्पादन किया जा रहा है।

घाट डूबे, नाव चलाना बंद

अचानक जलस्तर बढ़ने से ओंकारेश्वर में स्नान के घाट डूब गए हैं। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने नाव संचालन पूरी तरह रोक दिया है। इंदिरा सागर से छोड़े गए पानी का असर ओंकारेश्वर तक दिख रहा है, जहां 14 गेट खोलकर 9155 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।

जलस्तर की स्थिति

इंदिरा सागर बांध का जलस्तर बुधवार शाम 261.51 मीटर दर्ज हुआ। इसकी अधिकतम भराव क्षमता 262.13 मीटर है। इसी वजह से शाम 6:30 बजे 8 गेट 2.5 मीटर और 4 गेट 2 मीटर तक खोल दिए गए। इधर, ओंकारेश्वर बांध में जलस्तर 196.47 मीटर पहुंच गया, जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 196.60 मीटर है। पानी की लगातार आमद को देखते हुए यहां 14 गेट औसतन 1.36 मीटर तक खोले गए।

इस सीजन की पांचवीं बार

इस वर्ष इंदिरा सागर बांध के गेट पांचवीं बार खोले गए हैं। सबसे पहले 27 जुलाई से 2 अगस्त तक 12 गेट खुले रहे। इसके बाद 3 अगस्त को 6, 25 अगस्त को 8, 28 अगस्त को 6 और 3 सितंबर को फिर से 12 गेट खोलने पड़े। ओंकारेश्वर में भी जुलाई के अंत से समय-समय पर गेट खोले जा रहे हैं।

बांध परियोजनाओं की स्थिति

इंदिरा सागर परियोजना से करीब 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है, जबकि ओंकारेश्वर से 520 मेगावाट। दोनों बांधों के पावर हाउस लगातार सक्रिय हैं। अधिकारियों के अनुसार, बारिश के साथ-साथ तवा और बरगी से लगातार पानी आने के कारण गेट खोलना जरूरी हो गया।

मौसम का रुख

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के बीच ट्रफ लाइन सक्रिय होने से जिले में रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। तीन चक्रवाती प्रणालियों के असर से कहीं तेज बारिश हो रही है तो कहीं हल्की। बुधवार को भी कई जगह जोरदार बारिश हुई जबकि कुछ स्थानों पर रिमझिम फुहारें पड़ीं। कृषि मौसम इकाई के विशेषज्ञों का कहना है कि गुरुवार को भी हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।

औसत बारिश से अब भी पीछे

जिले में अब तक 621 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जबकि औसत कोटा 808 मिमी का है। इस हिसाब से अभी 187 मिमी बारिश और जरूरी है। पिछले वर्ष इसी अवधि तक 779.6 मिमी बारिश हो चुकी थी, यानी इस बार लगभग 158 मिमी कम वर्षा हुई है।

तालाब और छोटे बांधों की स्थिति

जिले के छोटे बांध और तालाब भी भरने लगे हैं। सुक्ता बांध समेत कुल 49 तालाबों में औसतन 62.58% जल भरा जा चुका है। इनमें से 22 तालाब पूरी तरह भर गए हैं, 25 का स्तर न्यूनतम से ऊपर है, जबकि 2 तालाब अभी भी खाली हैं।