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New Fourlane Highway:  उज्जैन बदनावर फोरलेन हाईवे बनकर हुआ तैयार, अब लगाए जाएंगे 2 लाख पौधे

 

Ujjain Badnawar Fourlane Highway: मध्यप्रदेश राज्य में बदनावर-उज्जैन फोरलेन हाईवे का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इस हाईवे पर निर्माण कार्य के दौरान हजारों हरे-भरे पेड़ों को कटाना पड़ा था। ऐसे में पर्यावरण संतुलन बनाने के लिए काटे गए पेड़ों की भरपाई के लिए पौधे लगाने का काम कई महीनों से किया जा रहा है। यदि सही देख-रेख होती रही तो आने वाले कुछ साल में फिर से यहां पर हरियाली छा जाएगी। यहां बदनावर से उज्जैन तक बने फोरलेन के दौरान 8 हजार 140 पेड़ों की कटाई की गई थी।

एनएचएआइ और निर्माण एजेंसी जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट लिमिटेड मिलकर लगाएंगे 2 लाख पौधे

अनुबंध के अनुसार इसके बदले करीब तीन गुना यानी लगभग 24 हजार पौधे लगाए जाने थे, लेकिन एनएचएआइ और निर्माण एजेंसी जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट लिमिटेड ने इससे कई गुना अधिक पौधारोपण किया है। फोरलेन पर करीब 2 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। नवनिर्मित उज्जैन-बदनावर फोरलेन पर मीडियन में पौधे रोपकर देखभाल की जा रही है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा 1352 करोड़ रुपये की लागत से 69.1 किलोमीटर लंबा यह मार्ग मात्र दो वर्षों में तैयार किया गया है। यह मार्ग देवास से उज्जैन होते हुए बदनावर और थांदला के जरिए गुजरता है और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस से जुड़ता है। फोरलेन पर बदनावर और उज्जैन के बीच हाइवे को आकर्षक और सुंदर बनाने व पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से कई गुना पौधे लगाए जा चुके हैं।

एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत भी उज्जैन से लेकर बदनावर तक पौधे लगाने का काम चल रहा है। करीब 2 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। इसमें 1 लाख 85 हजार पौधे रोपे गए हैं। बचे हुए 15 हजार पौधे आगामी दिनों में लगेंगे। यह पूरे क्षेत्र का पहला फोरलेन मार्ग होगा, जिसमें इतनी अधिक संख्या में पौधे लगाए जा रहे हैं।

13 वर्षों तक सिंचाई और देखभाल करेगी कंपनी

निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रास्रोजेक्ट लिमिटेड के अनुसार पौधों की सुरक्षा और देखभाल को प्राथमिकता दी जा रही है। लगाए गए पौधों की 15 वर्षों तक सिंचाई, पोषण और देखरेख की पूरी जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी द्वारा निभाई जाएगी, जिसमें दो वर्ष तोबीत चुके हैं। अगले 13 वर्षों तक और देखभाल की जाएगी। इस फोरलेन पर अब तक 85 हजार बड़े पौधे व करीब एक लाख हेज (झाड़ीदार) पौधे लगाए जा चुके हैं। इस वर्षा ऋतु में यह पौधे लहलहाने लगेंगे।

फोरलेन पर छायादार और औषधीय पौधे लगाए

पौधारोपण में छायादार, औषधीय और सजावटी प्रजातियों का समावेश किया गया है। सड़क किनारे वृक्षों में प्रमुख रूप से अर्जुन, नीम, शीशम, गुलमोहर जैसे छावादार और औषधीय पौधे शामिल है। मध्यवर्ती झाड़ियों और सजावटी पौधों में टिकोमा, गुड़हल, बोगनवेलिया, मोर फूल और हेज श्रेणी में इरिसिन लाल, लासोनिया इनर्मी, क्लेरोडेंड्रोन इनर्मी, गोल्डन ड्यूरेटा जैसे पौधे लगाए हैं।

पौधा रोपण के लिए विशेष योजना बनाकर किया जा रहा है काम

एमएल पुरविया, परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण उज्जैन ने बताया कि इस परियोजना में मार्ग निर्माण के साथ ही पौधारोपण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसको लेकर एक विशेष योजना बनाई थी। हालांकि कुछ जगह बेहतर मिट्टी नहीं होने से चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस स्थिति को देखते हुए वैकल्पिक जगह चुनकर पौधारोपण किया। पौधों की नियमित देखभाल करेंगे। आने वाले दिनों में और व्यापक योजना है, जिस पर काम करेंगे। प्रयास रहेगा कि सिंहस्थ तकू यह क्षेत्र हरियाली से परिपूर्ण बना रहे।