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मप्र के गौरी सरोवर बांध में दो दिन में हजारों मछलियां मरी, 6 साल से प्रजननकाल में ही मौत हो रही, हर बार वजह ऑक्सीजन की कमी

 

MP News: मध्य प्रदेश राज्य के शहर के ऐतिहासिक गौरी सरोवर में हजारों की संख्या में मछलियों की मौत हो गई है। यह क्रम पिछले दो दिन से जारी है। इसके कारण आसपास के करीब 5 किमी इलाके में बदबू फैल गई है। लोग यहां से बिना मुंह पर कपड़ा रखे निकल नहीं पा रहे हैं। हालांकि मंगलवार को इनकी सफाई के लिए नगर पालिका की बड़ी टीम उतरी।

सरोवर से पूरे दिन मछलियों को निकालने का कार्य किया गया। आठ टिपर वाहनों में भरकर इन मछलियों को बाहर फेंका गया है। खास बात यह है कि बारिश का समय मछलियों का प्रजननकाल माना जाता है।

हर बार इसी सीजन में गौरी सरोवर में मछलियों की मौत हो जाती है। यह क्रम पिछले करीब छह साल से चल रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह ऑक्सीजन न मिलना बताई गई है। क्योंकि गौरी सरोवर में नालों का गंदा पानी छोड़ा गया है। इसके अलावा मछलियों की संख्या अधिक हो जाने की वजह से भी उनको ऑक्सीजन लेने में तकलीफ होती है। बहरहाल, इस समस्या से निपटने के लिए अब तक कोई पहल नहीं की गई है।

मालूम हो, कि गौरी सरोवर रिहायशी बस्तियों के बीच में है। ऐसे में मछलियों की मौत के कारण आसपास की कॉलोनियों में रहने वालों को भी परेशानी हो रही है। हाउसिंग कॉलोनी, नयापुरा, वनखंडेश्वर मंदिर के पास, बीटीआई रोड, धर्मपुरी, ग्वालियर रोड, विकास नगर आदि इलाकों में मंगलवार को तो लोग अपने घरों के बाहर भी खड़े नहीं हो पा रहे थे।

हाउसिंग कॉलोनी में कई कोचिंग सेंटर चलते हैं। ऐसे में यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी अपने सिर पर रूमाल रखकर गुजरना पड़ा। वहीं, गौरी किनारे से लहार रोड वाले रास्ते से कोई भी राहगीर बिना रूमाल के नहीं निकल पा रहा था।

तेजी से बढ़ने वाली है प्रजाति

गौरी सरोवर में तिलापिया और मुजांबिका जैसी प्रजातियों की संख्या सबसे ज्यादा है। यह प्रजाति बहुत तेजी से बढ़ती है। खास बात यह है कि मादा मछली अंडों को अपने मुंह में सुरक्षित रखती है, जिससे बच्चों का जीवित रहना लगभग तय होता है। लाखों की संख्या में बच्चे निकलने से सरोवर में भीड़ बढ़ जाती है। नतीजा, कम ऑक्सीजन का पानी इन मछलियों के लिए काल बन जाता है।

कब होता है मछलियों का प्रजनन कालः

बरसात का मौसम मछलियों का प्रजनन काल माना जाता है। इस दौरान उनके शिकार पर रोक भी लगाई जाती है, ताकि प्रजाति संरक्षित रह सके। इसके बावजूद गौरी सरोवर में अचानक हजारों मछलियों की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि शहर के गंदे नालों का पानी सरोवर में आने से ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है। ऐसे में कम ऑक्सीजन वाला पानी उनके लिए जानलेवा साबित हो रहा है।

पहले कब हुई है मछलियों की मौत

5 जुलाई 2024 को गौरी सरोवर में बड़ी संख्या में मछलियों की मौत हो गई थी। नगर पालिका के द्वारा इन मछलियों को यहां से फिंकवाया गया था। वर्ष 2023 में 31 जुलाई से 1 अगस्त के बीच गौरी सरोवर में हजारों की संख्या में मछलियों की मौत हुई थी। यह समय भी इनके प्रजननकाल का था।

तालाब की सफाई कराई जा रही

यशवंत वर्मा, सीएमओ नया भिंड ने बताया कि मछलियों की मौत की जानकारी मिलने के बाद गौरी सरोवर पर सफाई का कार्य कराया जा रहा है। प्रथम द्रष्टया तो ऑक्सीजन की कमी ही इनकी मौत का कारण है, फिर भी इसकी जांच के लिए मत्स्य विभाग को पत्र भेज रहा हूं।