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Guna News: ननि को लेकर सकतपुर और बजरंगगढ़ में भी विरोध

 

Guna News: गुना को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव भोपाल में प्रस्तुत किया जा चुका है और 31 गांव जोड़कर नक्शा भी तैयार किया जा चुका है। इन सभी 31 गांव ने अपनी सहमति नगर निगम में शामिल होने के लिए दे दी थी। सिर्फ हरिपुर ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।

हाल ही में हरिपुर के नगर निगम में शामिल न होने को लेकर गुना विधायक पन्नालाल शाक्य ने सवाल खड़े किए थे। नगर निगम बनने को लेकर यहां से शुरू हुई राजनीतिक खींचतान अब दूसरी बड़ी पंचायतों में पहुंचने लगी है। कई बड़ी पंचायतों के गांव निगम में शामिल होने को लेकर असमंजस की स्थिति में आ गए हैं।

शहर से बिल्कुल सटी हुई बड़ी पंचायत सकतपुर में अब नगर निगम में शामिल होने पर विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। मंगलवार को इसे लेकर जनसुनवाई में भी आवेदन दिया गया है। सकतपुर व चकसकतपुर की आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 3047 है।

सकत्पुर के अलावा नगर निगम में शामिल होने जा रही सबसे बड़ी पंचायत बजरंगगढ़ में भी अब नगर निगम को लेकर असमंजस की स्थिति है। यहां की आबादी 7955 है। यानी इन दोनों ने यदि असहमति दी तो 3 लाख की आबादी की शर्त पूरी नहीं होगी।

सकतपुर में लोगों का मानना है इससे बोझ बढ़ेगा

सकतपुर में लोगों का मानना है कि नगर निगम में शामिल होने से फायदे के बजाए नुक्सान होगा। लोगों का तर्क है कि शहरी क्षेत्र का हिस्सा बनने से भवन अनुमति की फीस बढ़ेगी, संपत्ति कर, जल कर, रजिस्ट्री शुल्क आदि में भी बढ़ोत्तरी हो जाएगी। वर्तमान में सकतपुर रोड के लिए लोग काफी समय से संघर्ष कर रहे हैं।

इस सड़क का एक हिस्सा नगर पालिका क्षेत्र तो दूसरा हिस्सा पंचायत में है। इसी फेर में नई सड़क का निर्माण भी अटका है। स्थानीय लोगों के अनुसार नगर पालिका के हिस्से की सड़क ज्यादा जर्जर है, जबकि पंचायत के हिस्से की कम।

आज बजरंगगढ़ को लेकर होगा मंथन

बजरंगगढ़ में आज नगर निगम में शामिल होने को लेकर बैठक की जाएगी। बजरंगगढ़ में नगर निगम को लेकर विरोध नहीं है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसे लेकर राजनीति गरमा गई है। यहां पर सत्ता पक्ष से जुड़े कई नेताओं की जमीनें हैं और वे इस क्षेत्र में प्रभाव भी रखते हैं। नगर निगम में शामिल होने लेकर लेकर अपने-अपने पक्ष हैं।

ऐसे में यहां कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। सभी को साधने को यहां पर बैठक प्रस्तावित की गई है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि ननि में शामिल होने की सहमति पूर्व में दी गई थी, लेकिन अब स्थिति अलग है। बैठक में जो भी तय होगा, उसके आधार पर ही आगे का निर्णय लेंगे।

टैक्स अधिक देना पड़ेगा

लोगों का मानना है कि नगर निगम में जुड़ने से उन पर कई तरह के कर ज्यादा लगेंगे। इसके अलावा सकतपुर से लगा हुआ नगर पालिका क्षेत्र है, लेकिन वहां पर विकास की स्थिति पंचायत से भी बुरी है। इसलिए लोगों को नगर निगम में शामिल होने का कोई खास लाभ नजर नहीं आ रहा है। इसे लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। जगवीर सिंह चौहान, सरपंच सकतपुर