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छतरपुर जिले में बिजली के झुके खंभों से हादसों का खतरा 

 

Chhatarpur News: गुदारा से मनकारी मार्ग पर बिजली कंपनी की लापरवाही जानलेवा बन सकती है। यहां खेतों और सड़क किनारे लगे कुल 22 बिजली के पोल झुके हुए हैं। इनमें 10 पोल 11 हजार केवी के हैं, जो सड़क के किनारे गिरने की कगार पर हैं। बाकी 12 पोल 440 वोल्ट एलटी लाइन के हैं, जो खेतों में झुके हुए खड़े हैं।

इस समय खरीफ की फसल के लिए खेतों की जुताई और बुवाई चल रही है। ऐसे में तेज हवा या बारिश हुई तो पोल खेतों में गिर सकते हैं। गीली जमीन में करंट फैलने से किसानों और जानवरों की जान को खतरा हो सकता है। 11 हजार केवी लाइन के तार तेज हवा में आपस में टकराकर फाल्ट और चिंगारी पैदा कर सकते हैं। इससे खेतों में करंट फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।

सड़क किनारे झुके पोल वाहन चालकों के लिए भी खतरा बन गए हैं। इनसे करंट लगने की आशंका बनी हुई है। 2016 में बिजली कंपनी ने ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लाइन विस्तार का काम कराया था। यह काम ठेके परदिया गया था। लेकिन ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्य की मॉनीटरिंग नहीं की गई। अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में ठेकेदारों ने लापरवाही से काम किया। इसका नतीजा यह है कि मनकारी से गुदारा गांव तक 4 किलोमीटर लंबी लाइन में कई पोल अब गिरने की स्थिति में हैं।

सरकार द्वारा अटल ज्योति विद्युत विस्तार में पैसा देने के बाद नियम तय किए गए थे।जिसमें 11 हजार केवी लाइन के पोल को 5 फीट गहरे गड्ढे में खड़ा किया जाना था। इसमें ढाई फीट नीचे की तरफ मिट्टी और ढाई फीट ऊपरी हिस्से को सीमेंट कंक्रीट से पोलके गड्ढे को भरा जाना था। वह और कुओं कि लिए 440 बोल्ट के पोल को 4 से 5 फीट गहरे ग पोल लगाकर मिट्टी से भरा जान पर ठेकेदार द्वारा मनकारी से गुदा तक के विद्युत पोल खड़ा करने साढ़े चार फीट गड्डो की खुदाई पोल खड़े कर दिए गए। केवल भर कर इन 11 केवी विद्युत पो ठेकेदार ने सीमेंट कंक्रीट का व नहीं किया। इससे पूरी लाइन के बरसात में मिट्टी गीली होते ही झुन गिरने लगे। कुछ पोलों को पिछले कंपनी ने नए लगवा दिए पर लाइनों के 20 पोल झुके हुए हैं।

खंभा गिरने के कारण 5 गांव में छा जाएगा अंधेरा

बरसात में क्षतिग्रस्त विद्युत पोल गिन से मनकारी, गुदारा, ढिगपुरा, झिकम् मटौधा बेसन, दीवान जू का पुरवा र की विद्युत सप्लाई ठप हो जाएगी। बरसात में विद्युत पोलो के मरम्मत व कार्य भी नहीं हो पाएगा। इससे विद्युन कंपनी की लापरवाही का खामियाजा गांव के लोगों को भगतना पड़ेगा।