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टीकमगढ़ की महिलाओं ने समाजसेवा में बनाई मिसाल

 

Tikamgarh News: टीकमगढ़ की सीमा चौहान और माधुरी मिश्रा समाज सेवा के क्षेत्र में अपने योगदान से जिले का नाम देशभर में रोशन कर रही हैं। सीमा चौहान शहीदों और उनके परिवारों का सम्मान करने के कार्यों में लगी हुई हैं, जबकि माधुरी मिश्रा बुंदेलखंड के असहाय बुजुर्गों के लिए आश्रय और सहारा मुहैया कराती हैं।

माधुरी मिश्रा ने शादी के बाद भोपाल में रहने के दौरान वृद्धाश्रम का संचालन शुरू किया। वृद्धाश्रम में अब बुंदेलखंड के अलावा अन्य क्षेत्रों के करीब 24 बुजुर्ग रहते हैं। माधुरी ने समाज सेवा की दिशा में 5 हजार से अधिक सम्मान प्राप्त किए हैं। उनकी प्रेरणा से टीकमगढ़ में मातृ शक्ति संगठन की स्थापना हुई, जो वृद्धाश्रम का संचालन कर बुजुर्गों को सहारा दे रहा है।

सीमा चौहान का विवाह सिवनी में हुआ। उन्होंने समाज सेवा की दिशा में कदम बढ़ाया और शहीदों के सम्मान में कार्य करना शुरू किया। विशेष रूप से मुंबई में 2008 में हुए 26/11 हमले के बाद उन्होंने शहीदों के परिवारों का सम्मान करने के लिए मातृ शक्ति संगठन की स्थापना की। पिछले 17 सालों से यह संगठन शहीदों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करता रहा है। इसके तहत देशभर में शहीदों और उनके परिवारों का सम्मान किया जाता है। सीमा चौहान को इस कार्य के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मान मिल चुका है।

दोनों महिलाओं की प्रेरणा और प्रयासों से टीकमगढ़ में समाज सेवा का नया अध्याय शुरू हुआ है। शादी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद उन्होंने समाज सेवा को प्राथमिकता दी और जिले के लिए एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी मेहनत और समर्पण से न केवल बुजुर्गों को सहारा मिला, बल्कि शहीदों के परिवारों को सम्मान और गौरव भी प्रदान हुआ।

टीकमगढ़ की सीमा और माधुरी की ये पहल यह संदेश देती हैं कि समाज सेवा केवल उम्र या स्थिति की मोहताज नहीं होती। इनके कार्यों से प्रेरणा लेकर अन्य लोग भी समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।