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Tikamgarh News: नगर परिषद पलेरा के उपाध्यक्ष ने कलेक्टर से शहरी पेयजल योजना की जांच की मांग की

 

Tikamgarh News: नगर में 18 करोड़ की मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। योजना के क्रियान्वयन के 8 साल बाद भी नगर परिषद ठेकेदार के मनमर्जी कार्यों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। रोजाना पानी की सप्लाई होगी या नहीं होगी या आंशिक होगी, यह पूरी तरीके से ठेकेदार पर निर्भर है। नगर में जल आपूर्ति की सूचना नगर परिषद द्वारा आम लोगों को देना उचित नहीं समझा जाता। जिसके कारण आम लोगों को भीषण गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

आए दिन नगर परिषद और ठेकेदार की मनमानी का परिणाम नगर की जनता भुगत रही है। गुणवत्ताहीन काम किए जाने के कारण नगर की पाइप लाइन आए दिन टूट ही रहती है। विगत कुछ साल में ही दम तोड़ चुकी योजना के यह हाल हैं तो आगामी समय में नगर के लोगों को पेयजल के लिए भारी टैक्स देने के बाद भी परेशानियों से दो चार होना पड़ेगा।

नगर परिषद के उपाध्यक्ष संदीप तिवारी उर्फ रानू ने कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय को शिकायती आवेदन पत्र देते हुए बताया कि नगर परिषद पलेरा अंतर्गत मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना उर नदी पलेरा से नगर पलेरा के विभिन्न वार्डों में जलप्रदाय व्यवस्था के लिए टंकियों का निर्माण कर पाइप लाइन बिछाई गई थी। जिसका काम 13 अक्टूबर 2017 को पूरा हो चुका था, लेकिन वार्ड तीन कंचनपुरा, बगारभाटा, वार्ड 4 आरी का पुरवा, वार्ड 7 नारदगंज मोहल्ला, वार्ड 10 रेंज कार्यालय के पास एवं वार्ड 12 में शांति नगर मोहल्ला, कॉलेज के पास मंडी के पीछे आज दिनांक तक पेयजल सप्लाई नहीं की जा रही है।

नगर परिषद उपाध्यक्ष तिवारी ने बताया कि नगर परिषद के द्वारा ठेकेदार द्वारा बनाई गई टंकियों एवं पाइप लाइन में बिना जल सप्लाई किए ही कागजों में खाना पूर्ति कर हैंडओवर ले लिया। कलेक्टर को दिए गए शिकायती आवेदन पत्र में नगर परिषद उपाध्यक्ष के द्वारा मुख्यमंत्री शहरी पेक्जल योजना अंतर्गत किए गए निर्माण में अनियमितताओं की जांच कर पेयजल सप्लाई व्यवस्था सुचारू रूप से कराने की मांग की है।